नयी दिल्ली, 16 मार्च : विपक्षी नेताओं ने अडाणी समूह में कथित अनियमितताओं की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को संसद भवन परिसर में मानव श्रृंखला बनाई. हाथों में तख्तियां लिए और नारे लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता टी आर बालू, समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, नेशनल कांफ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना (ठाकरे गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी और अरविंद सावंत सहित विपक्षी सांसदों ने भी प्रदर्शन किया.लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘अडानी समूह के खिलाफ जांच की मांग को लेकर सभी विपक्षी दल एकजुट हुए हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने प्रिय मित्र अडाणी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने विपक्षी नेताओं को बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय तक मार्च करने से रोका था. उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी नेताओं को संसद में इस मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. हमारे माइक्रोफोन बंद कर दिए जाते हैं.’’ अडाणी समूह मामले की जेपीसी जांच की मांग करते हुए मानव श्रृंखला बनाने का निर्णय बृहस्पतिवार सुबह खरगे द्वारा बुलाई गई विपक्षी नेताओं की एक संयुक्त बैठक में लिया गया था. कांग्रेस, द्रमुक, राकांपा, सपा, राजद, बीआरएस, माकपा, भाकपा, शिवसेना के ठाकरे गुट, जदयू, झामुमो, एमडीएमके, आप, वीसीके और आईयूएमएल समेत कई विपक्षी दलों के नेता बैठक में शामिल हुए. यह भी पढ़ें : Maharashtra: नासिक-मुंबई ‘लॉन्ग मार्च’ में शामिल कुछ महिलाओं सहित 40 किसान बीमार
अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडाणी समूह और प्रधानमंत्री मोदी पर लगातार हमलावर विपक्षी दलों के सदस्यों की मांग है कि इस मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए. उल्लेखनीय है कि ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेर-फेर सहित कई आरोप लगाए थे. अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है. अडाणी समूह से जुड़े इस मुद्दे को लेकर संसद भवन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुख्यालय तक मार्च निकाल रहे विपक्षी नेताओं को पुलिस ने बुधवार को संसद भवन के समीप ही रोक दिया गया था और दलील दी गई थी कि इलाके में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू है. विपक्षी नेताओं को संसद भवन के निकट विजय चौक पर ही रोक दिया गया.