नयी दिल्ली, तीन मार्च स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस साल अब तक भारत में कोविड-19 से जितनी मौतें हुई हैं उनमें से 92 प्रतिशत लोगों ने टीके की खुराक नहीं ली थी। साथ ही, कहा कि टीके की बदौलत देश संक्रमण के कम मामलों के चरण में हैं तथा अब सावधानी बरतते हुए स्कूल, कॉलेज, आर्थिक गतिविधियों को खोलना और हालात सामान्य बनाना ‘‘तर्कसंगत’’ है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में 15-18 वर्ष आयु वर्ग के 74 प्रतिशत किशोरों को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है जबकि 39 प्रतिशत को दोनों खुराक दी गई है।
उन्होंने कहा कि टीके के विकास, तेजी से इस पर कार्य, स्वीकृति, व्यापक कवरेज के कारण कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या काफी कम देखी गई। अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक मृत्यु दर को रोकने में 98.9 प्रतिशत प्रभावी है, जबकि दोनों खुराक 99.3 प्रतिशत प्रभावी हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों के प्रयासों के साथ टीकाकरण कवरेज ने हाल में कोविड-19 की वृद्धि को प्रभावी ढंग से रोकने में मदद की।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा, ‘‘हम टीके की बदौलत कोरोना वायरस संक्रमण के कम मामलों के चरण में हैं। स्कूल, कॉलेज, रिसॉर्ट, आर्थिक गतिविधियों को खोलना और हालात सामान्य बनाना तर्कसंगत है। लेकिन हमें सतर्कता और सावधानी बनाए रखनी चाहिए।’’
अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में देश के 29 जिलों में कोविड-19 संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक है, वहीं 34 जिलों में 5-10 प्रतिशत के बीच संक्रमण दर है। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों में कोविड के गंभीर असर की तुलना में, सरकार के साथ, समूचे समाज के प्रयासों के कारण भारत कोविड-19 के संभावित विनाशकारी संकट को टालने में सक्षम हो पाया।
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