चंडीगढ़, 20 दिसंबर ओम प्रकाश चौटाला भारतीय राजनीति में एक कद्दावर शख्सियत और जाट समुदाय के एक प्रमुख नेता थे, लेकिन उनका करियर विवादों से भरा रहा और उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा भी काटनी पड़ी।
एक जनवरी, 1935 को जन्मे चौटाला, पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे, शुक्रवार को 89 साल की उम्र में गुरुग्राम में निधन हो गया।
एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार में जन्मे चौटाला पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के सबसे बड़े बेटे थे और अपने पिता द्वारा स्थापित पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रमुख थे।
चौटाला के पिता भारतीय राजनीति में एक कद्दावर हस्ती थे। देवीलाल उप प्रधानमंत्री रहने के अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रहे थे और उन्हें किसानों का मसीहा कहा जाता था।
हालांकि, चौटाला कभी भी अपने पिता की बराबरी नहीं कर सके, लेकिन वह कम शिक्षित होने के बावजूद अपनी जबरदस्त राजनीतिक सूझबूझ और हाजिरजवाबी के लिए जाने जाते थे।
चौटाला पांच बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे, हालांकि 1999 से 2005 के बीच ही उन्होंने अपना पूरा कार्यकाल पूरा किया। इस बीच, 1989 से जुलाई 1999 तक, वह बीच-बीच में मुख्यमंत्री रहे।
वर्ष 1989 में जब देवीलाल जनता दल सरकार में उप प्रधानमंत्री बने, तो चौटाला मुख्यमंत्री बने।
वह छह बार विधायक रहे और 1970 में पहली बार सिरसा के ऐलनाबाद से विधायक चुने गए, जिसे चौटाला परिवार का गढ़ माना जाता था।
उन्होंने नरवाना, उचाना, दड़बा कलां और रोड़ी से भी चुनाव जीता।
चौटाला के छोटे भाई प्रताप और रणजीत चौटाला भी विधायक रहे, जबकि दूसरे भाई जगदीश के बेटे आदित्य देवीलाल इनेलो के मौजूदा विधायक हैं।
चौटाला के दो बेटे अभय और अजय तथा उनके बेटे भी राजनीति में हैं। चौटाला का विवादों से भी काफी नाता रहा।
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