जरुरी जानकारी | कौशल विकास उपायों में कमी का पता लगाने को एनएसडीसी ने एक्सिस माई इंडिया के साथ की साझेदारी

नयी दिल्ली, सात जनवरी राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने देश में कौशल की मांग और आपूर्ति का पता लगाने को लेकर उपभोक्ता आसूचना कंपनी एक्सिस माई इंडिया के साथ साझेदारी की है।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत आने वाले एनएसडीसी ने मंगलवार को बयान में कहा कि इस भागीदारी का मकसद प्रमुख कौशल उपायों में अंतर की पहचान करना और विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में लाभार्थियों की भागीदारी को बढ़ाना है।

बयान के अनुसार, इस सहयोग के माध्यम से राष्ट्रीय कौशल विकास निगम लाभार्थियों को हुनरमंद बनाने के उपायों से उनकी रोजगार क्षमता, आय सृजन और सामाजिक-आर्थिक उत्थान सहित मौजूदा कौशल विकास कार्यक्रमों के प्रभाव का आकलन कर सकेगा।

एनएसडीसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और एनएसडीसी इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक वेद मणि तिवारी ने इस बारे में कहा, ‘‘एक्सिस माई इंडिया के साथ हमारी साझेदारी विभिन्न क्षेत्रों में कौशल अंतर की पहचान करने और उसे दूर करने के हमारे प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। व्यापक स्तर पर आंकड़ों का विश्लेषण कर हम अपने विभिन्न कौशल उपायों की दक्षता को बढ़ाएंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘साथ मिलकर, हम योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए भारत को कौशल के क्षेत्र में के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

इस साझेदारी के तहत कौशल विकास कार्यक्रमों में भागीदारी, जुड़ाव के स्तर और उसके परिणाम पर गौर किया जाएगा। इसके अलावा, कौशल विकास कार्यक्रमों की वर्तमान स्थिति, लाभार्थी भागीदारी और उद्योग की जरूरतों पर आवश्यक आंकड़े एकत्र करने के लिए सर्वेक्षण किए जाएंगे।

ये सर्वेक्षण भविष्य के मूल्यांकन और आकलन के लिए संदर्भ बिंदु के रूप में काम करेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रमों की दक्षता और उनके दीर्घकालिक परिणामों को मापने पर ध्यान केंद्रित करने वाली रूपरेखा को तैयार करने और उसे लागू करने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे।

एक्सिस माई इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक प्रदीप गुप्ता ने कहा, ‘‘हम एनएसडीसी के साथ साझेदारी के जरिये जमीनी स्तर से प्राप्त जानकारी को परिवर्तनकारी कौशल प्रयासों के साथ जोड़ सकेंगे। साथ मिलकर, हम लोगों को, विशेष रूप से वंचित समुदायों को, ऐसे हुनर के साथ सशक्त बना सकते हैं जो आज की अर्थव्यवस्था की मांगों को पूरा करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यह साझेदारी जनसंख्या संबंधी लाभ उठाने में मदद करेगी।’’

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