नयी दिल्ली, 28 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां निचली अदालत को निर्देश दिया है कि दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए फिलहाल, राज्य सरकार द्वारा संचालित लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल की ओर से दी गई जैन की मेडिकल रिपोर्ट का संज्ञान न लिया जाए।
जैन पर धन शोधन कानून के तहत मामला चल रहा है और वह लोकनायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती हैं। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका पर जैन से जवाब मांगा जिसमें अनुरोध किया गया था कि जैन का चिकित्सकीय परीक्षण एलएनजेपी की बजाय एम्स, आरएमएल या सफदरजंग अस्पताल में कराया जाए।
अदालत ने कहा, “नोटिस जारी किया जाए… .....निर्देश दिया जाता है कि विशेष न्यायाधीश सुनवाई की अगली तारीख तक एलएनजेपी की ओर से दी गई चिकित्सकीय रिपोर्ट का संज्ञान नहीं लें।” मामले पर अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।
ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने इस बात पर जोर दिया कि इसकी पूरी आशंका है कि जैन एलएनजेपी के डॉक्टरों को प्रभावित कर सकते हैं क्योंकि वह स्वास्थ्य मंत्री थे।
राजू ने कहा कि निचली अदालत द्वारा चिकित्सकीय आधार पर जैन को रिहा करने की याचिका पर सुनवाई करने से पहले उनके स्वास्थ्य का स्वतंत्र परीक्षण करवाना जरूरी है।
याचिका में ईडी ने जैन को एलएनजेपी से स्थानांतरित कर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल या सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करने का भी अनुरोध किया है।
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