नयी दिल्ली, 25 जून : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि पार्टी को महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने की कोई जल्दी नहीं है, बल्कि वह तब तक इंतजार करेगी जब तक कि शिवसेना के मौजूदा संकट का असर शहरों में नगर निगमों तथा कस्बों और जिलों में नगर निकायों के स्तर पर उसकी क्षमता पर नहीं पड़ता. भाजपा नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में मौजूदा सत्ता संघर्ष केवल राज्य में सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं है, बल्कि भाजपा द्वारा शिवसेना को और अधिक कमजोर किए जाने तथा हिंदुत्व के मुद्दे पर अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है.
उन्होंने कहा कि इस दिशा में पहला कदम शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को बनाए रखने का संकल्प लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के खेमे को मजबूत करना है, ताकि शिवसेना के अधिकतम बागी विधायक शिंदे के पाले में जा सके. भाजपा नेता कहा कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे के उस "विश्वासघात" से भाजपा बेहद परेशान थी, जब उन्होंने भाजपा के साथ दशकों पुराने गठबंधन को तोड़ते हुए सरकार बनाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस से हाथ मिलाया था. उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के नेता चुप्पी साधे हुए हैं. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी को दी गई क्लीन चिट सत्य के सकुशल एवं विजयी होने का उद्घोष : योगी आदित्यनाथ
गौरतलब है कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के विधायकों के एक समूह द्वारा पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मंगलवार को विद्रोह किए जाने से राज्य में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकर के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट में घिर गई है. शिवसेना के अधिकतर विधायक एकनाथ शिंदे के खेमे में आ गए हैं और असम की राजधानी गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं. असम में इस समय शिंदे के साथ शिवसेना के कम से कम 37 और 10 निर्दलीय विधायक हैं. शिंदे ने दावा किया है कि उनके नेतृत्व वाला समूह ही "असली शिवसेना" है.