उसने कहा कि उत्तर कोरिया ने अमेरिका द्वारा क्षेत्र में अपने सहयोगियों-दक्षिण कोरिया और जापान की सुरक्षा को लेकर दृढ़ प्रतिबद्धता जताने के जवाब में ‘‘कड़ी’’ सैन्य कार्रवाई शुरू करने की धमकी देने के कुछ घंटों बाद यह कदम उठाया।
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक संक्षिप्त बयान में बताया कि उन्हें उत्तर कोरिया के एक और मिसाइल का परीक्षण करने की जानकारी मिली है।
हालांकि, उन्होंने मिसाइल ने कितनी दूरी तय की और वह कहां जाकर गिरी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी।
इससे पहले, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री चो सोन ह्यू ने बृहस्पतिवार को चेताया था कि प्योंगयांग के मिसाइल प्रक्षेपणों को लेकर अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान का हालिया शिखर सम्मेलन कोरियाई प्रायद्वीप में व्याप्त तनाव को ‘‘अधिक अप्रत्याशित’’ बना देगा।
चो का बयान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के उनके दक्षिण कोरियाई और जापानी समकक्षों के साथ हाल ही में किए गिए त्रिपक्षीय सम्मेलन पर उत्तर कोरिया की पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया थी।
सम्मेलन के बाद तीनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल परीक्षणों की कड़ी निंदा की थी और प्रतिरोध क्षमता को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई थी।
बयान में बाइडन ने परमाणु हथियारों सहित अन्य सभी सैन्य उपायों के जरिये दक्षिण कोरिया और जापान की रक्षा करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता को दोहराया था।
चो ने कहा, ‘‘ अमेरिका अपने सहयोगियों को जितने मदद की पेशकश करेगा और वे कोरियाई प्रायद्वीप में जितनी अधिक उकसावे वाली सैन्य गतिविधियां संचालित करेंगे, उत्तर कोरिया की जवाबी कार्रवाई उतनी ही कड़ी होगी।’’
उन्होंने चेताया, ‘‘ यह अमेरिका और उसके इशारे पर चलने वाली ताकतों के लिए अधिक गंभीर, यथार्थवादी और अपरिहार्य खतरा पैदा करेगा। ’’
चो ने यह नहीं बताया कि उत्तर कोरिया क्या कदम उठा सकता है, लेकिन उन्होंने कहा कि ‘‘ अमेरिका अच्छी तरह से जानता होगा कि वह ऐसा दांव लगा रहा है, जिसके लिए उसे निश्चित रूप से पछताना पड़ेगा। ’’
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