बेंगलुरु, 26 मई कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने रविवार को कहा कि महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के अनुरोध पर राज्य को केंद्र से अभी तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं मिला है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर के उस कथित बयान पर निशाना साधते हुए जिसमें कहा गया था कि प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का राज्य सरकार का अनुरोध 21 मई को ही प्राप्त हुआ था, परमेश्वर ने जानना चाहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक मई लिखे गए पत्र का क्या हुआ।
परमेश्वर ने कहा, ‘‘जहां तक मुझे पता है, हमें अब तक (केंद्र से) कोई सूचना या पत्र नहीं मिला है। मैंने देखा है कि विदेश मंत्री ने मीडिया से कहा है कि वे कार्रवाई कर रहे हैं और एक दो दिनों में वे इसे (राजनयिक पासपोर्ट) रद्द कर देंगे, लेकिन हमें इस पर कोई लिखित सूचना नहीं मिली है।’’
उन्होंने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने एक मई को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग की थी और उसके बाद आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल ने भी केंद्र को इसी अनुरोध के साथ पत्र लिखा था।
उन्होंने कहा, "(मुख्यमंत्री के) पहले पत्र का जवाब कहां है । जब एक मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखता है, तो उसे उचित सम्मान मिलना चाहिए। ऐसा नहीं हुआ। विदेश मंत्री कह रहे हैं कि उन्हें राज्य से पत्र 21 मई को मिला, तो हमें पूछना होगा कि पहला पत्र कहां गया। वे कार्रवाई कर रहे हैं, यह अच्छा है, उन्हें लेने दीजिसे, लेकिन वह कह रहे हैं कि हमने (राज्य) ने पत्र अभी भेजा है, पहले नहीं, यह सही नहीं है।"
हालांकि, मामले से परिचित लोगों ने शुक्रवार को बताया कि विदेश मंत्रालय ने प्रज्वल को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा है कि उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द क्यों न किया जाए, जैसा कि उनके खिलाफ यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर कर्नाटक सरकार ने मांग की है।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने 22 मई को प्रधानमंत्री को दूसरा पत्र लिखकर हासन सांसद का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के लिए "त्वरित और आवश्यक" कार्रवाई करने का आग्रह किया था।
प्रज्वल (33) जनता दल सेक्युलर के संरक्षक एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते हैं और हासन लोकसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार हैं, उन पर महिलाओं के यौन शोषण के कई मामलों का आरोप है।
प्रज्वल हासन के मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को कथित तौर पर जर्मनी रवाना हो गए थे और अभी भी फरार हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के माध्यम से एसआईटी के अनुरोध के बाद, इंटरपोल द्वारा उनके ठिकाने के बारे में जानकारी मांगने वाला एक 'ब्लू कॉर्नर नोटिस' पहले ही जारी किया जा चुका है।
निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए एक विशेष अदालत ने एसआईटी द्वारा दायर एक आवेदन के बाद 18 मई को प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
हासन यौन शोषण मामलों के पीड़ितों के हितों की रक्षा करने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए गृहमंत्री परमेश्वर ने कहा कि वहां के पुलिस अधीक्षक और आईजी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि पीड़ितों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े।
प्रज्वल की गिरफ्तारी और महिलाओं की सुरक्षा की मांग को लेकर कुछ संगठनों और विचारकों द्वारा 30 मई को 'हासन चलो' का आयोजन करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘हो सकता है कि वे जन जागरूकता के लिए ऐसा कर रहे हों, उन्हें ऐसा करने दीजिए।’’
पेन ड्राइव लीक और प्रसार के पीछे के असली दोषियों को सजा देने की जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी की मांग के बारे में परमेश्वर ने कहा, ‘‘हम वह कर रहे हैं। असली दोषी का पता लगाने के लिए, प्रज्वल की भूमिका - एसआईटी का गठन किया गया है। जांच से पता चल जाएगा कि कौन शामिल है, किसने पेन ड्राइव बांटी, जांच जारी है, इस स्तर पर बयान देने से जांच प्रभावित हो सकती है।’’
छब्बीस अप्रैल को लोकसभा चुनाव से पहले हासन में कथित तौर पर प्रज्वल से जुड़े अश्लील वीडियो वाले कई पेन ड्राइव प्रसारित होने के बाद यौन शोषण के मामले सामने आए।
राज्य में कानून व्यवस्था की कथित गिरावट के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधने वाली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए परमेश्वर ने कहा कि वे भाजपा शासित राज्यों की स्थिति देखें। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति किसी भी कीमत पर खराब नहीं होने देगी।
उन्होंने गुजरात के राजकोट में एक गेमिंग जोन में आग लगने से बच्चों सहित 27 लोगों की मौत का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘इसके लिए कौन जिम्मेदार है। किसे इस्तीफा देना होगा। वहां के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को इस्तीफा देना होगा। यह कहना आसान है लेकिन किसी को उचित भी ठहराना होगा।"
चन्नागिरि में हिरासत में कथित तौर पर हुई मौत के मामले के संबंध में एक सवाल के जवाब में, परमेश्वर ने कहा, "एक पुलिस निरीक्ष एवं पुलिस उपाधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि पुलिस की ओर से उचित कार्रवाई नहीं की गई थी और लापरवाही हुई थी। जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच में जो निकलेगा, हम उसके आधार पर कार्रवाई करेंगे।’’
भाजपा विधायक हरीश पूंजा से जुड़ी एक हालिया घटना का जिक्र करते हुए परमेश्वर ने कहा, ''विधायक पुलिस थाने जाते हैं और पुलिस के साथ गाली-गलौज करते हैं, जब ऐसी स्थिति होगी तो समाज में शांति कैसे रहेगी। यही कारण है कि हम बार-बार कहते हैं कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। अगर कोई भी कानून अपने हाथ में लेगा, चाहे वह कोई भी हो, चाहे वह विधायक हो या कोई और हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग गुंडागिरी या दादागिरी में लिप्त हैं और सोचते हैं कि वे यह जारी रख सकते हैं, तो यह संभव नहीं है। मैं उन्हें चेतावनी देता हूं। हम ऐसी चीजें बर्दाश्त नहीं करेंगे और हम इसे रोकेंगे।’’
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