देश की खबरें | नीलेश मिसरा ने पांच पुस्तकों को जारी किया

नयी दिल्ली, 19 नवंबर लेखक-कहानीकार नीलेश मिसरा ने रेडियो स्टूडियो की जगह इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) में मंच संभाला और यहां एक कार्यक्रम में विमोचित की गईं पांच पुस्तकों की कहानियां, किस्से और कविताएं साझा कीं। यह पुस्तकें उनके उद्यम ‘स्लो इंप्रिंट’ के तहत छापी गयी हैं।

इन पुस्तकों में मिसरा का पहला कविता संग्रह “मैं अक्सर सोचता हूं” और उनके पिता और जाने-माने भूविज्ञानी शिव बालक मिसरा द्वारा लिखी गई पुस्तक “गांव से बीस पोस्टकार्ड” शामिल हैं। ये पुस्तकें वेस्टलैंड बुक्स से जुड़ी 'एका' के सहयोग से प्रकाशित की गई हैं।

बिग एफएम 92.7 पर प्रसारित होने वाले रेडियो शो ‘यादों का इडियटबॉक्स’ और रेड एफएम 93.5 पर प्रसारित होने वाले ‘द नीलेश मिसरा शो’ के लिए मशहूर मिसरा ने सोमवार शाम को बताया कि कैसे उनके कई प्रशंसकों ने उन्हें खराब वायु गुणवत्ता के कारण दिल्ली न आने की सलाह दी थी।

पत्रकार-लेखक-गीतकार ने कहा, “ कैसे रहते हैं आप लोग इस शहर में? यह बहुत गंभीर और घना है। कई लोगों ने मुझे यहां एक्यूआई स्तर के स्क्रीनशॉट भेजे और न आने की सलाह दी... वैसे भी, “मेरा नाम है नीलेश मिसरा... कहानियां सुनाता हूं।”

मिसरा (51) ने बताया कि उनके पिता की नई पुस्तक आने के बाद उन्हें ‘स्लो इंप्रिंट’ शुरू करने की प्ररेणा मिली।

उन्होंने कहा, “ मेरे पिता पिछले दो सालों से गुप्त रूप से यह किताब लिख रहे थे। एक दिन उन्होंने मुझे इसके बारे में बताया और कहा कि उनकी इसे स्वयं प्रकाशित करने की योजना हैं। उन्होंने कहा, 'अगर यह बहुत महंगी हुई तो मैं इसका बिल चुका दूंगा।' अब, यह ऐसी बात थी जिसे मैं पचा नहीं पाया। इसलिए, 'स्लो इंप्रिंट' को शुरू करने का असली मकसद मेरे पिता की किताब का सम्मानजनक लोकार्पण करना था।”

नोमान माधव

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