नयी दिल्ली, 26 नवंबर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गोल्डन महासीर मछली के जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के संबंध में केंद्र और अन्य से जवाब देने को कहा है।
गोल्डन महासीर, उत्तराखंड में मछलियों की एक संरक्षित प्रजाति है।
गोल्डन महासीर या टोर पुतिटोरा उत्तराखंड की राज्य मछली भी है।
अधिकरण एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें यह दावा किया गया कि जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करने वाली विभिन्न प्रतिकूल गतिविधियों के कारण गोल्डन महासीर की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने 19 नवंबर को एक आदेश में कहा कि याचिका में पर्यावरण नियमों के अनुपालन से संबंधित ‘महत्वपूर्ण मुद्दे’ उठाए गए हैं।
अधिकरण ने कहा, “प्रतिवादियों को अगली सुनवाई की तारीख (10 मार्च) से कम से कम एक सप्ताह पहले हलफनामे के माध्यम से अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाता है।”
मामले में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय व मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के मत्स्य पालन विभाग, बिरही गंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड, अलकनंदा हाइड्रो पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड और अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है।
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