नयी दिल्ली, 16 जुलाई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने रेलवे को 91.2 लाख रूपये की पर्यावरण क्षतिपूर्ति भरने का बृहस्पतिवार को निर्देश दिया।
मामला उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में रेलवे की छोटी लाइन पर सीमेंट जैसे माल की लदाई और उसे उतारने से जुड़ा है जिसके चलते वायु प्रदूषण हुआ।
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अधिकरण ने कहा कि मुआवजे की रकम दो महीने के भीतर जमा की जाए अथवा उसे दंडात्मक कार्रवाई करनी पड़ेगी।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अधिकरण को सूचित किया था कि सीमेंट, उर्वरक, अनाज तथा अन्य माल के वैगन तथा ट्रकों पर लदान करने और उतारने से वायु प्रदूषण हुआ जिससे नजदीक के इलाकों में रहने वाले लोगों को श्वसन संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए.के. गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के आलोक में आगे की कार्रवाई रेलवे मंत्रालय को करने दी जाए। मुआवजे की रकम दो महीने के भीतर जमा की जाए अथवा अधिकरण को संबंधित अधिकारी के वेतन को रोकने अथवा अधिकारी को जेल भेजने जैसे दंडात्मक कदम उठाने होंगे।’’
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में रेलवे के माल गोदाम के कारण वायु प्रदूषण हो रहा है और इसके एवज में जो क्षतिपूर्ति आंकी गई है वह 91.2 लाख रूपये है।
रिपोर्ट के मुताबिक फैजाबाद में रेलवे के माल गोदाम के आसपास प्रदूषण मानक स्तर से कहीं अधिक पाया गया।
अधिकरण उत्तर प्रदेश के निवासी शिवांश पांडे की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें दावा किया गया है कि फैजाबाद में रेलवे के माल गोदाम के आसपास माल की ढुलाई के कारण वायु प्रदूषण फैल रहा है।
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