नयी दिल्ली, 21 सितंबर राज्यसभा में सोमवार को बीजू जनता दल ने ओडिशा के पारादीप बंदरगाह का नाम राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बीजू पटनायक के नाम पर रखे जाने की मांग की।
शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए बीजद के प्रसन्न आचार्य ने कहा कि देश में महत्वपूर्ण संस्थानों, प्रतिष्ठानों के नाम महान हस्तियों पर रखे जाने की एक अच्छी परंपरा चली है।
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उन्होंने कहा कि ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बीजू पटनायक ने न केवल देश के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था बल्कि आजादी के बाद देश के विकास में उनका अहम योगदान रहा है।
आचार्य ने कहा कि आधुनिक ओडिशा के मुख्य शिल्पकार कहलाने वाले बीजू पटनायक का ओडिशा के पारादीप बंदरगाह की स्थापना में विशेष योगदान रहा है। आज यह बंदरगाह देश के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक है।
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आचार्य ने मांग की कि पारादीप बंदरगाह का नाम बीजू पटनायक के नाम पर रखा जाना चाहिए।
शून्यकाल में ही टीएमसी के जी के वासन ने सिर पर मैला ढोने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद इस प्रथा पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जा सकी है।
वासन ने मांग की कि न केवल मानव गरिमा पर आघात करने वाली इस प्रथा पर रोक लगाई जाए बल्कि इससे जुड़े लोगों को आर्थिक मदद दी जाए ताकि वे अपना कोई काम शुरू कर सम्मानजनक जीवन जी सकें।
भाकपा के विनय विश्वम ने मास्क का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के इस दौर में अपने बचाव के लिए मास्क पहनना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि मास्क जरूरी होने के बावजूद उन लोगों के लिए इसे खरीद पाना मुश्किल है जिनकी आजीविका में दो वक्त की रोटी जुटा पाना भी टेढ़ी खीर है।
विश्वम ने मांग की कि सरकार गरीबों के बीच नि:शुल्क मास्क का वितरण करे ताकि उनके जीवन की रक्षा हो सके।
कांग्रेस के पीएल पुनिया ने नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ की सात बटालियन तैनात किए जाने की मंजूरी 2018 में मिलने के बावजूद अब तक तैनाती नहीं हो पाने का मुद्दा उठाया।
पुनिया ने कहा कि ये बटालियनें छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर जिले में तैनात की जानी थीं और इसके लिए वहां अवसंरचना भी तैयार की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि अब जम्मू कश्मीर से सीआरपीएफ की 10 बटालियनों को हटाया कराया गया है और सरकार को चाहिए कि इनमें से सात बटालियनों को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर जिले में तैनात करे।
शिवसेना के अनिल देसाई ने कीटनाशकों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश में ऐसे कई कीटनाशकों का उपयोग किया जा रहा है जिन पर दूसरे देशों में प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन ने सरकारी क्षेत्र के उपक्रम भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के कर्मचारियों को लंबे समय से वेतन का भुगतान नहीं हो पाने का मुद्दा उठाया।
इनके अलावा द्रमुक के पी विल्सन और पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज ने भी अपने अपने मुद्दे उठाए।
इसके बाद विशेष उल्लेख के जरिये कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल और रिपुन बोरा, मनोनीत रूपा गांगुली, भाजपा के सुभाष चंद्र सिंह, कांता कर्दम, किरोड़ी लाल मीणा और संजय सेठ, सपा के सुखराम सिंह यादव और बीजद के अमर पटनायक ने लोक महत्व से जुड़े विभिन्न मुद्दे उठाए।
मनीषा माधव
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