महाकुंभनगर, 12 जनवरी प्रयागराज में महाकुंभ पर अमृत स्नानों से ठीक एक दिन पहले रविवार को संगम तट पर नमामि गंगे टीम द्वारा भव्य 'नमामि गंगे यज्ञ' का आयोजन किया गया। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य गंगा की पवित्रता, स्वच्छता और संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सामूहिक संकल्प लेना था।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, यज्ञ के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं और गंगा सेवा दूतों ने गंगा के निर्मल प्रवाह के लिए आहुतियां अर्पित कीं। यह आयोजन स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस पर किया गया।
बयान के अनुसार हजारों श्रद्धालुओं की सहभागिता वाले इस आयोजन में 200 से ज्यादा गंगा सेवा दूतों ने खासतौर से भाग लिया और गंगा की अविरलता-पवित्रता बनाए रखने का सामूहिक संकल्प लिया। युवा शक्ति के जोश और संकल्प से ओतप्रोत यह आयोजन आध्यात्मिकता और पर्यावरणीय चेतना का अनूठा संगम बना।
नमामि गंगे टीम के साथ ही युवाओं ने गंगा को निर्मल और अविरल बनाए रखने के लिए आहुतियां अर्पित कीं। गंगा सेवा दूतों ने जल की पवित्रता बनाए रखने और स्वच्छता अभियान को सतत जारी रखने का संकल्प लिया।
बयान के अनुसार गंगा स्वच्छता अभियान में युवाओं की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए वक्ताओं ने कहा कि भारत में 40 फ़ीसदी से अधिक जनसंख्या युवा है तथा आने वाली पीढ़ी पर ही गंगा स्वच्छता की ज़िम्मेदारी है।
उनके मुताबिक, गंगा का संरक्षण केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दायित्व भी है।
युवाओं ने गंगा की स्वच्छता और संरक्षण के इस पावन प्रयास में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और गंगा को स्वच्छ, निर्मल और अविरल बनाए रखने का संकल्प लिया।
यज्ञ के बाद मेला परिसर में प्लास्टिक मुक्त कुंभ का संदेश फैलाने के लिए नमामि गंगे टीम ने जूट से बने थैलों का वितरण किया। श्रद्धालुओं को प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ के महत्व को समझाया गया और पर्यावरणीय जागरूकता का संदेश दिया गया।
यज्ञ में शामिल श्रद्धालुओं ने प्लास्टिक मुक्त कुंभ का संकल्प लिया, जिसमें संगम तट तक स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश फैलाया गया।
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