देश की खबरें | मुंबई: ईडी ने टोरेस पॉन्जी ‘धोखाधड़ी’ की जांच के लिये धनशोधन का मामला दर्ज किया

मुंबई, 14 जनवरी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करीब 38 करोड़ रुपये के टोरेस निवेश “धोखाधड़ी” की जांच के लिए धन शोधन का मामला दर्ज किया है। इस योजना के जरिये कई निवेशकों को कथित तौर पर ठगा गया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि संघीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के लिए मुंबई पुलिस (शिवाजी पार्क पुलिस थाने) की प्राथमिकी का संज्ञान लिया है। बाद में यह मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को स्थानांतरित कर दिया गया।

पुलिस के अनुसार, ‘टोरेस’ आभूषण ब्रांड के स्वामित्व वाली एक निजी फर्म द्वारा संचालित पॉन्जी योजनाओं में अब तक 1,916 निवेशकों ने धोखाधड़ी की शिकायत की है।

यह घोटाला तब प्रकाश में आया, जब इस महीने की शुरुआत में सैकड़ों निवेशक दादर (पश्चिम) में टोरेस वास्तु सेंटर बिल्डिंग में स्थित आभूषण ब्रांड के स्टोर पर एकत्र हुए, क्योंकि कंपनी ने उन्हें वादा की गई रकम का भुगतान करना बंद कर दिया था।

पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें उज्बेकिस्तान के नागरिक तजागुल जासातोव, रूसी नागरिक वेलेंटिना गणेश कुमार और सर्वेश सुर्वे शामिल हैं। सभी अब तक कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी थे।

पुलिस ने आरोपी की और रिमांड की मांग करते हुए कहा कि वर्तमान में घोटाले का आकार 38 करोड़ रुपये तक हो गया है तथा जांच आगे बढ़ने पर राशि और बढ़ने की उम्मीद है।

उम्मीद है कि ईडी उनसे पूछताछ करेगी और कथित पॉन्जी घोटाले की गहराई में जाने के लिए अतिरिक्त “साक्ष्य” भी जुटाएगी। सूत्रों ने बताया कि वह पूछताछ के लिए कुछ लोगों को तलब भी कर सकती है।

पुलिस ने 11 अन्य लोगों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी किया है, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जो फरार बताए जा रहे हैं।

जांचकर्ताओं ने कहा है कि टोरेस ज्वेलरी ब्रांड के प्रवर्तकों ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कार, फ्लैट, गिफ्ट कार्ड आदि देने का वादा किया था।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)