UP Elections 2022: पीएम नरेंद्र मोदी का अखिलेश यादव पर हमला, कहा - काशी में मेरी मृत्यु की कामना किए जाने पर मुझे बहुत आनंद आया
पीएम मोदी, अखिलेश यादव (Photo Credits Wikimedia Commons-PTI

वाराणसी (उत्तर प्रदेश): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर करारा हमला करते हुए रविवार को कहा कि सार्वजनिक रूप से काशी में उनकी मृत्यु की कामना किए जाने पर उन्हें बहुत आनंद आया. मोदी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में भाजपा (BJP) द्वारा आयोजित 'बूथ विजय सम्मेलन' को संबोधित करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पूर्व में दिए गए एक बयान का जिक्र किया. UP Elections 2022: सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान, कहा- सपा समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने कर ली है विदेश भागने की तैयारी

उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा "भारत की राजनीति में कुछ लोग किस हद तक नीचे गिर गए हैं. मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना करना पसंद नहीं करता लेकिन जब सार्वजनिक रूप से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया. उन लोगों ने तो मेरे मन की मुराद पूरी कर दी. इसका मतलब यह कि मेरी मृत्यु तक ना काशी के लोग मुझे छोड़ेंगे और ना ही काशी मुझे छोड़ेगी."

प्रधानमंत्री ने कहा "मुझे विश्वास है कि काशी की सेवा करते करते अगर मेरे मृत्यु लिखी होगी तो इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या होगा.’’ उन्होंने कहा कि उन घोर परिवार वादियों को मालूम नहीं है कि यह जिंदा शहर बनारस है और यह मुक्ति के रास्ते खोलता है और बनारस विकास के जिस रास्ते पर चल पड़ा है वह देश के लिए गरीबी और अपराध से मुक्ति के रास्ते भी खोलेगा. उन्होंने कहा कि यही मार्ग परिवारवाद में जकड़े भारत के लोकतंत्र को भी मुक्ति का रास्ता दिखाएगा.

गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी के लंबे दौरे के बारे में संवाददाताओं से बातचीत में कहा था "प्रधानमंत्री वहां दो-तीन महीने रहें. अच्छी बात है. वह जगह रहने वाली है. आखिरी समय पर वहीं रहा जाता है, बनारस में."

मोदी ने आरोप लगाया, "पिछली सरकारों में हालत यह हो गई थी कि बेखौफ अपराधी बाबा विश्वनाथ मंदिर से सोना काट कर ले गए थे. मंदिरों से मूर्तियां चोरी हो जाती थीं. महादेव की काशी को भू माफियाओं और कर्जमाफियाओं के हवाले करके इसकी पवित्रता नष्ट करने की कोशिश हो रही थी. काशी में घाटों और मंदिरों पर बम विस्फोट होते थे. आतंकवादी बेखौफ थे क्योंकि तब की समाजवादी सरकार उनके साथ थी."

प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया "सरकार आतंकवादियों से खुलेआम मुकदमे वापस ले रही थी लेकिन काशी कोतवाल बाबा काल भैरव के आगे इनकी चलने वाली थी क्या? त्रिशूल के आगे कोई माफिया और कोई आतंकवादी कभी टिक सकता है क्या? आज सब अपने ठिकाने पर हैं और कालजयी काशी देश को दिशा दे रही है."

मोदी ने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि काशी और अयोध्या से शुरू भूमि विकास की यात्रा तभी आगे बढ़ेगी जब उत्तर प्रदेश में फिर से भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार वापस आएगी. उन्होंने कहा "जिस पार्टी के पास आप जैसे कर्मठ कार्यकर्ताओं की ताकत हो, उसकी जीत तो सुनिश्चित है ही. बूथ विजय सम्मेलन में आपका यह जोश और आत्मविश्वास दिखाता है कि हम हर बूथ भी जीतेंगे इस बार पूरे क्षेत्र में फुल स्कोर भी करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि भाजपा का कार्यकर्ता चुनाव के आखिरी दिन तक आराम नहीं करता. पार्टी जो भूमिका देती है आप उसमें जी जान लगा देते हैं.

प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं से कहा, "आप मेरे लिए एक ओपन यूनिवर्सिटी की तरह हैं. भाजपा का कार्यकर्ता होने के नाते मैं आप सभी से बहुत कुछ सीखता हूं. हमारा संगठन एक जीवंत इकाई है. हम कार्यकर्ताओं को परिवार मानने वाले लोग हैं.’’ उन्होंने कहा कि ‘‘अपनी पार्टी को अपनी निजी संपत्ति मानने वाले घोर परिवार वादी लोग हमारा मुकाबला नहीं कर सकते. भाजपा संगठन शक्ति और कार्यकर्ता के बल पर चलने वाला दल है."

मोदी ने आरोप लगाया "पहले जिन घोर परिवारवादियों ने सरकार चलाई उनकी पार्टी की पहचान के साथ गुंडागर्दी और माफियावाद जुड़ा हुआ है. भाजपा की पहचान उसका कार्यकर्ता है और भाजपा कार्यकर्ता की पहचान उसकी सेवा है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी का काल इसका ताजा उदाहरण है. इस दौर में पार्टी ने सेवा ही संगठन अभियान चलाया और मैं जानता हूं कि किस तरह भाजपा का हर कार्यकर्ता जन सामान्य की सेवा के लिए लगा रहा. लोगों तक राशन पहुंचाया, घर-घर दवाएं पहुंचाईं, मास्क बांटे, जरूरत पड़ने पर रक्तदान किया. बनारस में कितने ही विदेशी नागरिक फस गए थे लेकिन काशी के लोगों और कार्यकर्ताओं ने उन्हें भी कोई तकलीफ नहीं होने दी."

उन्होंने कहा "हम सेवा करने के लिए ही राजनीति में आए हैं. यह एक-दो दिन की रिहर्सल नहीं है. एक-दो साल का कोर्स नहीं है. बल्कि यह सेवा एक महायज्ञ है जो जीवन की आखिरी सांस तक अनवरत चलता रहना चाहिए."

प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी भारत की संस्कृति की प्राचीन राजधानी रही है लेकिन पिछली सरकारों ने बनारस को विकास से वंचित रख कर यहां के लोगों को परेशानियों के गर्त में धकेलने की कोशिश की. इनका पाप इतना ही नहीं था. इन घोर परिवारवादियों ने यही धारणा बना रखी थी कि बनारस बदहाल रहा है और वह ऐसे ही बदहाल रहेगा लेकिन महादेव के आशीर्वाद से आज बनारस बदल रहा है. आज काशी विश्वनाथ धाम काशी और देश की गरिमा के अनुरूप हमारी पहचान की भव्य झांकी बनकर खड़ा है. आज मां गंगा स्वच्छ हो रही है और उसके घाट भी स्वच्छ हो रहे हैं. प्रधानमंत्री ने दिवंगत डोम राजा जगदीश चौधरी का जिक्र करते हुए कहा "आज मुझे स्वर्गीय डोम राजा जगदीश चौधरी की कमी भी महसूस हो रही है. वह मुझ पर इतना स्नेह दिखाते थे."

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