जरुरी जानकारी | बिजली मंत्रालय ने तेजी से स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर संयुक्त उद्यम गठन की प्रक्रिया शुरू की

नयी दिल्ली, 15 सितंबर बिजली मंत्रालय ने देश में तेजी से स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर वितरण कंपनियों को जरूरी ढांचागत सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 2,000 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ संयुक्त उद्यम के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

संयुक्त उद्यम इकाई बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाली चार कंपनियों...एनटीपीसी लि., आरईसी लि., पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (पीजीसीआईएल) और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) मिलकर बनाएंगी।

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शेयर बाजार को दी गयी सूचना के अनुसार पीएफसी और आरईसी के निदेशक मंडलों ने साझा ‘बैकएंड’ ढांचागत सुविधा (सीबीआईएफ) के लिये संयुक्त उद्यम में 150-150 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश को मंजूरी दे दी है।

पीएफसी ने सूचना में कहा, ‘‘निदेशक मंडल की 14 सितंबर, 2020 को हुई बैठक में संयुक्त उद्यम कंपनी में 150 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश को मंजूरी दे दी गयी। सीबीआईएफ के लिये बनने वाली इस कंपनी के प्रवर्तक संयुक्त रूप से एनटीपीसी, पीजीसीआईएल, आरईसी और पीएफसी होंगी।

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आरईसी ने अलग से बीएसई को दी सूचना में कहा कि उसके निदेशक मंडल की 15 सितंबर को हुई बैठक में संयुक्त उद्यम कंपनी में 150 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश की मंजूरी दी गयी है।

एनटीपीसी और पावर ग्रिड के निदेशक मंडलों को अभी 150-150 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश को मंजूरी देन बाकी है।

चारों प्रवर्तकों द्वारा इस संयुक्त उद्यम में इक्विटी निवेश 600 करोड़ रुपये होगा जबकि कर्ज हिस्सा 1,400 करोड़ रुपये होगा।

सीबीआईएफ यानी जरूरी ढांचागत सुविधा से देश भर में स्मार्ट मीटर का तेजी से क्रियान्वयन हो सकेगा। इससे वितरण कंपनियों के लिये तय मानक के आधार पर स्मार्ट मीटर लगाना आसान होगा।

इसमें वितरण कंपनियों को संपत्ति के उपयोग के आधार पर ही भुगतान करने की जरूरत होगी। इसके लिये उन्हें अलग से पूंजी व्यय की जरूरत नहीं होगी।

पीएफसी की परामर्श इकाई पीएफसी कंसल्टिंग इस संयुक्त उद्यम कंपनी के सृजन और उसके परिचालन को सुगम बनाएगी।

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