नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर वित्त मंत्रालय सीमा शुल्क प्रणालियों को अन्य नियामक एजेंसियों से जोड़ने के लिए काम कर रहा है, ताकि निर्यात खेपों के लिए तेजी से मंजूरी सुनिश्चित की जा सके। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक जौहरी ने कहा कि विभाग निर्यात के वेब पंजीकरण पर काम कर रहा है, जिससे बंदरगाहों और हवाई अड्डों से माल जारी होने के औसत समय में कमी आएगी।
उन्होंने कहा, ''आप आयात के लिए एकल खिड़की से परिचित हैं। हम निर्यात के लिए भी कुछ ऐसी ही पेशकश करने की कोशिश कर रहे हैं। निर्यात की खेप में नियामक हस्तक्षेप की जरूरत होती है, जैसे दवा नियंत्रक और अन्य एजेंसियां।''
जौहरी ने कहा, ''हम इन एजेंसियों के साथ कस्टम आइसगेट (इंडियन कस्टम्स इलेक्ट्रॉनिक गेटवे) को एकीकृत करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे निर्यात की खेप जारी करने में लगने वाले समय में और कमी आएगी।''
जौहरी ने सीआईआई राष्ट्रीय निर्यात सम्मेलन में कहा, ''नियामक एजेंसियों द्वारा लिए जाने वाले समय में और कमी करने की जरूरत है। लक्ष्य काफी कठिन है। हम औसत रिलीज समय को कम करने पर बहुत गंभीरता के साथ काम कर रहे हैं।''
उन्होंने कहा कि खेप जारी करने के औसत समय को आधा कर दिया गया है। इसे बंदरगाह पर माल के आने और निर्यात कार्गो के वास्तविक प्रस्थान के समय से मापा जाता है।
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