पिथौरागढ़, 20 अप्रैल: उत्तराखंड (Uttarakhand) से बाहर बड़ी संख्या में काम कर रहे युवाओं के लॉकडाउन के चलते प्रदेश में लौट आने के मददेनजर पलायन आयोग ने उन्हें स्थानीय आर्थिक गतिविधियों में शामिल करने तथा उनके अपने ही गांव में बस जाने की संभावनाओं को तलाशने की कवायद शुरू कर दी है. यहां एक अधिकारी ने बताया कि इसके लिए आयोग ने युवाओं के बीच एक सर्वेंक्षण शुरू किया है जिसमें उनसे पूछा जा रहा है कि क्या वे अपने गांवों में कोई काम करना पसंद करेंगे.
पिथौरागढ़ जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी गोस्वामी ने कहा, “हमें पलायन आयोग से 26 सूत्री प्रारूप मिला है जिसे ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा प्रवासी युवाओं से कुछ सवाल पूछे जाने के बाद भरा जाना है.'‘ देशव्यापी बंद के चलते 5,500 से ज्यादा प्रवासी युवा जिले में स्थित अपने गांवों को लौटे हैं. गोस्वामी ने बताया कि आयोग से प्राप्त प्रारूप सभी आठ प्रखंडों को भेज दिए गये हैं जो अब प्रवासी युवाओं को प्रश्नों के उत्तर भरने के लिये दिये जायेंगे.
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अधिकारी ने बताया कि अगर युवा अपने गांवों में बसना चाहते हैं तो उनके लिए यहां खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, मुर्गी पालन, बीज उत्पादन, बागवानी और लघु इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं .
रोजगार की तलाश में उत्तराखंड के दूरस्थ पहाड़ी गांवों से युवाओं का लगातार पलायन राज्य सरकारों के लिए हमेशा से एक बड़ी समस्या रही है .
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