मालगाड़ी की चपेट में आए प्रवासी मजदूर अपनी स्थानीय प्रशासन को सूचित किए बिना निकले थे: पुलिस
मजदूर/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

जालना/महाराष्ट्र, 9 मई: महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एक मालगाड़ी की चपेट में आने वाले प्रवासी मजदूर अपनी कंपनी या स्थानीय प्रशासन को सूचित किए बिना मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) जाने के लिए निकले थे. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. रेल की पटरियों पर सो रहे कम से कम 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार सुबह मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई. वे मध्यप्रदेश लौट रहे थे.

जालना जिले के पुलिस अधीक्षक एस चैतन्य ने बताया कि 20 से 35 साल के बीच की उम्र के 16 मजदूर मध्य प्रदेश के उमरिया और शहडोल जिले के रहने वाले थे और जालना में एसआरजी स्टील कंपनी में काम करते थे. उन्होंने बताया, "वे कंपनी या जिला प्रशासन को सूचित किए बिना यात्रा के लिए निकल गए." उन्होंने बताया कि प्रशासन प्रवासी मजदूरों के लिए आश्रय शिविर चला रहा है, लेकिन वे मजदूर अपने कारखाने के परिसर में ही रह रहे थे.

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एसपी ने बताया कि मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले में एसआरजी स्टील मिल में काम करने वाले 20 मजदूरों के एक समूह ने औरंगाबाद चलने का फैसला किया क्योंकि उनका मानना था कि वे वहां से मध्य प्रदेश के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं. रेलवे ने इस दुर्घटना की समग्र जांच की घोषणा की है. हादसा औरंगाबाद से करीब 30 किलोमीटर करमाड के समीप सुबह लगभग सवा पांच बजे हुयी.

सोशल मीडिया पर वायरल, हादसे के एक वीडियो क्लिप में पटरियों पर मजदूरों के शव पड़े दिखाई दे रहे हैं और शवों के पास उनका थोड़ा बहुत सामान बिखरा पड़ा नजर आ रहा है. जिला पुलिस प्रमुख मोक्षदा पाटिल ने पीटीआई- को बताया कि जीवित बचे तीन -चार लोगों ने अपने इन साथियों को जगाने की कोशिश की थी जो घटनास्थल से करीब 40 किलोमीटर दूर जालना से रातभर पैदल चलने के बाद पटरियों पर सो गए थे.

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