नयी दिल्ली, 15 जनवरी मेटा इंडिया ने बुधवार को अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग की उस टिप्पणी के लिए माफी मांगी जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत की मौजूदा सरकार 2024 के चुनावों में हार गई थी। मेटा इंडिया ने इसे ‘‘अनजाने में हुई भूल’’ बताया है।
मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष शिवनाथ ठुकराल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मंत्री अश्विनी वैष्णव, मार्क जुकरबर्ग का यह बयान कि 2024 के चुनावों में कई सत्तारूढ़ पार्टियां फिर से निर्वाचित नहीं हुईं, कई देशों के लिए सही है, लेकिन भारत के लिए नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अनजाने में हुई इस भूल के लिए माफी मांगते हैं। भारत मेटा के लिए महत्वपूर्ण देश बना हुआ है और हम इसके अभिनव भविष्य के केंद्र में होने की आशा करते हैं।’’
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इससे पहले जो रोगन पॉडकास्ट पर जुकरबर्ग द्वारा की गई टिप्पणियों की आलोचना की थी।
सूचना और प्रसारण तथा सूचना प्रौद्योगिक (आईटी) मंत्री वैष्णव ने 13 जनवरी को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘जुकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारों को कोविड महामारी के बाद हार का सामना करना पड़ा, तथ्यात्मक रूप से गलत है।’’
वैष्णव ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत ने 2024 के आम चुनाव का संचालन किया, जिसमें 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में अपने विश्वास को फिर से दोहराया।’’
मंत्री ने जुकरबर्ग की टिप्पणी को गलत सूचना बताते हुए खारिज कर दिया था, तथा स्पष्ट किया था कि मेटा को तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखना होगा।
वैष्णव ने कहा था, ‘‘80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन, 2.2 अरब टीके और कोविड-19 के दौरान दुनियाभर के देशों को सहायता देने से लेकर भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में नेतृत्व करने तक, तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी की निर्णायक जीत सुशासन और जनता के विश्वास का प्रमाण है।’’
जुकरबर्ग के बयान पर, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को कहा था कि समिति मेटा के अधिकारियों को तलब करेगी।
दुबे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मेरी समिति गलत जानकारी के लिए मेटा (फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी) के अधिकारियों को तलब करेगी। किसी भी लोकतांत्रिक देश की गलत जानकारी देश की छवि को धूमिल करती है। इस गलती के लिए भारतीय संसद से तथा यहां की जनता से उस संस्थान को माफी मांगनी पड़ेगी।’’
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