दिल्ली: बीजेपी के नेतृत्व वाले महापौर, उपमहापौर और अन्य नेता 'बकाया धनराशि' की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठे
सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली, 8 दिसंबर: दिल्ली में बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाले तीनों नगर निगमों के महापौर, उपमहापौर और कई अन्य वरिष्ठ नेता 'बकाया धनराशि' जारी करने की मांग को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के आधिकारिक आवास के बाहर धरने पर बैठ गये. उनका कहना है कि निगमों के बकाया धनराशि का जब तक भुगतान नहीं होगा वे अपना धरना जारी रखेंगे. उत्तर दिल्ली के महापौर जय प्रकाश, दक्षिण दिल्ली की महापौर अनामिका मिथिलेश और पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन, भाजपा उपाध्यक्ष हर्ष मल्होत्रा (Harsh Malhotra) और कई महिला पार्षद फ्लैगस्टाफ रोड स्थित केजरीवाल के आवास के बाहर सोमवार देर रात तक धरने पर बैठे रहे.

मल्होत्रा ने कहा, "हमें बकाया राशि के भुगतान की हमारी मांग पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री या दिल्ली सरकार (Delhi Government) से कोई आश्वासन नहीं मिला है. हम अनिश्चितकाल तक धरने पर बैठने के लिए तैयार हैं." महापौरों के साथ स्थायी समितियों के प्रमुख, सदनों के नेता तथा अन्य भी धरने पर बैठे हैं. निगम के ये नेता सिविल लाइंस इलाके में मुख्यमंत्री आवास के मुख्य द्वार के सामने धरने पर बैठे, जिसके कारण वहां बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.

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बीजेपी नेताओं ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल की गाड़ी को उनके आवास में प्रवेश करने से रोक दिया था. जैन ने कहा, "हमने अपने जारी नहीं किए गए बकाये के बारे में बात करने के लिए मुख्यमंत्री के साथ बैठक का अनुरोध किया था. हमें आश्वस्त किया गया था कि मुख्यमंत्री हमसे बात करेंगे जिसके बाद हमने उनकी गाड़ी को जाने दिया. लेकिन अब तक हमें कोई निमंत्रण नहीं मिला. प्रदर्शन अनिश्चितकाल के लिए जारी रहेगा."

महापौरों और निगमों के अन्य नेताओं का दावा है कि दिल्ली सरकार पर तीनों निगमों का 13,000 करोड़ रुपये बकाया है. उत्तर दिल्ली के महापौर जय प्रकाश का कहना है कि धरना रात भर जारी रहेगा और तब तक जारी रहेगा जबतक दिल्ली सरकार और केजरीवाल मुद्दे का हल करने का वादा नहीं करते हैं.

इस बीच, आप ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री से मिलने आए पार्टी विधायकों को दिल्ली पुलिस ने पीटा और उन्हें अपने साथ ले गई. आप विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि उन्हें मुख्यमंत्री के आवास के बाहर से पुलिस घसीट कर ले गई जबकि नगर निगमों के प्रदर्शन कर रहे सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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