नयी दिल्ली, 27 दिसंबर प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य रहे राकेश मोहन ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह युवा तकनीकीविदों को सरकार में शामिल होने और नीति-निर्माण में भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करते थे।
भारत के आर्थिक सुधारों के शिल्पकार मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर रह चुके मोहन ने कहा कि सिंह युवाओं द्वारा दिए गए विचारों को ग्रहण करने में तत्पर रहते थे।
मोहन ने कहा, “युवावस्था में अनेक आर्थिक सलाहकारों को शामिल करना भारतीय नीति-निर्माण में उनके योगदानों में से एक था। इन आर्थिक सलाहकारों में मोंटेक सिंह अहलूवालिया, मैं खुद, शंकर आचार्य और अरविंद विरमानी शामिल थे।”
उन्होंने कहा, “...वे तकनीकीविद प्रतिभाओं को बहुत प्रोत्साहित करते थे और उन्हें सरकार में आने और शामिल होने के लिए प्रेरित करते थे।”
सिंह के साथ अपने पहले अनुभव को याद करते हुए मोहन ने कहा कि उस समय उनकी उम्र मात्र 32-33 वर्ष थी और वे योजना आयोग के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में विदेश में लंबे समय के बाद भारत वापस आए थे।
मोहन ने कहा, “सिंह उस समय योजना आयोग के सदस्य सचिव थे। मैं उन्हें बिल्कुल नहीं जानता था। उन्होंने किस प्रकार युवा लोगों को सरकार में आने के लिए प्रोत्साहित किया, इसका एक उदाहरण यह है कि 33 वर्ष की छोटी सी उम्र में भी उन्होंने मुझे शहरी आवास और शहरी विकास पर चार नीति समितियां गठित करने की अनुमति दी, जिस पर मैंने दो वर्षों तक कार्य किया।”
आर्थिक मामलों के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में भी काम कर चुके मोहन ने कहा कि सिंह विनम्र थे और हमेशा इस बात में रुचि रखते थे कि दुनिया और देश में क्या चल रहा है।
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