लखनऊ, 27 दिसंबर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोविड-19 प्रबंधन को आधार बनाकर टीबी उन्मूलन अभियान को आगे बढ़ाएं. कोविड-19 महामारी में उप्र सरकार के प्रयासों और प्रबंधन की सराहना विभिन्न मंचों से हुई थी. शुक्रवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार टीबी मुक्त भारत के संबंध में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों के साथ “वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग” के माध्यम से समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने यह दिशा-निर्देश दिए.
इस दौरान उनके समक्ष राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान के संबंध के एक प्रस्तुतीकरण किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश का कोविड-19 प्रबंधन पूरे देश में मॉडल बनकर उभरा था, जिसकी सराहना पूरे विश्व में हुई थी. उसी प्रबंधन को आधार बनाकर टीबी नियंत्रण अभियान को आगे बढ़ाएं. इसके लिए आशा, आंगनवाड़ी और एएनएम कार्यकर्ता घर-घर जाकर टीबी स्क्रीनिंग की कार्रवाई को आगे बढ़ाएं. योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश के समक्ष वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य रखा है. इसके तहत देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य होने के कारण उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा है. उन्होंने कहा कि पायलट परियोजना के तहत प्रदेश के 15 जनपदों में चलाए गए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के परिणाम संतोषजनक हैं. इसको देखते हुए इस विशेष अभियान को प्रदेश के सभी 75 जनपदों में चलाएं. यह भी पढ़ें : मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए: सपा एवं बसपा
उन्होंने कहा कि जनभागीदारी के माध्यम से क्षय उन्मूलन अभियान को आंदोलन बनाना है. अतः जनभागीदारी बढ़ाने हेतु प्रभावशाली व्यक्तियों, भूतपूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, भूतपूर्व कुलपति इत्यादि धार्मिक नेताओं, निर्वाचित प्रतिनिधियों, विभिन्न विभागों, उद्योगों, गैर सरकारी संगठनों, टीबी विजेताओं (टीबी से सफलतापूर्वक ठीक हुए रोगी), निःक्षय मित्रों तथा निजी स्वास्थ्य क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव स्तर पर इस अभियान की साप्ताहिक, पाक्षिक एवं मासिक समीक्षा की जाए. उन्होंने इस अभियान के दृष्टिगत जनपद स्तर पर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी की एक त्रिस्तरीय कमेटी के गठन का भी निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने निर्देशित किया कि यह कमेटी इस अभियान की नियमित समीक्षा करे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि निःक्षय पोषण योजना के अंतर्गत रोगियों के पोषण हेतु उनके खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से वर्ष 2018 से दिसम्बर 2024 तक लगभग 36 लाख रोगियों को 766 करोड़ रुपये धनराशि पहुंचाई गई है. टीबी उपचार की सफलता दर 79 प्रतिशत (वर्ष 2017) से बढ़कर 91.5 प्रतिशत (वर्ष 2024) हो गई है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस अभियान में निःक्षय मित्रों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि इस अभियान को और प्रभावी बनाने एवं इसकी बेहतर निगरानी के लिए एक पोर्टल विकसित किया जाए, जिससे टीबी उन्मूलन को लेकर चल रही गतिविधियों को प्रतिदिन अपडेट किया जाए.