इंफाल, 23 जनवरी मणिपुर में अरामबाई तेंगगोल की ओर से घाटी के जिलों के सभी मंत्रियों और विधायकों से बुधवार को यहां कांगला किले में एक बैठक में शामिल होने के लिए कहे जाने के बाद राजधानी इंफाल के अंदर और इसके आस-पास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि राज्य के घाटी के इलाकों के गांवों की सुरक्षा में लगे लगभग 50,000 लोगों के संगठन अरामबाई तेंगगोल ने घाटी वाले जिलों के सभी मंत्रियों और विधायकों को चर्चा के लिए आने को कहा है, जिसका विवरण नहीं दिया गया है।
उन्होंने कहा कि खुफिया रिपोर्ट मिली है कि वे (अरामबाई तेंगगोल) बैठक से पहले हथियारों के साथ कांगला किले में प्रवेश करने की योजना बना रहे हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, एहतियाती उपाय के तहत किले के पास केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), असम राइफल्स, सेना और राज्य पुलिस सहित बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।
कांगला किला 1891 तक मणिपुर साम्राज्य के राज दरबार के रूप में कार्य करता था। अधिकारी ने बताया कि यह घटनाक्रम केंद्रीय गृह मंत्रालय की तीन सदस्यीय टीम द्वारा सोमवार को राज्यसभा सदस्य लीशेम्बा सनाजाओबा के आवास पर समूह के नेताओं से मुलाकात किए जाने के एक दिन बाद हुआ है।
अधिकारियों ने कहा कि समूह ने कुकी समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाने, शरणार्थियों को मिजोरम के शिविरों में भेजने, सीमा पर बाड़ लगाने, असम राइफल्स की जगह अन्य अर्धसैनिक बल की तैनाती और केंद्र तथा कुकी उग्रवादी समूहों के बीच ‘अभियानों के निलंबन’ (एसओओ) के समझौते को रद्द करने की मांग की है।
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