नयी दिल्ली, दो दिसंबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की विश्व मलेरिया रिपोर्ट-2020 से यह संकेत मिलता है कि भारत ने मलेरिया से होने वाले वाले खतरे को घटाने में उल्लेखनीय प्रगति की है।
विश्व मलेरिया रिपोर्ट (डब्ल्यूएमआर) गणितीय अनुमानों के आधार पर मलेरिया के अनुमानित मामलों का आंकड़ा उपलब्ध कराता है।
मंत्रालय ने कहा कि जहां तक मलेरिया के मामलों की बात है, भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां 2018 की तुलना में 2019 में 17.6 प्रतिशत की (मामलों में) कमी दर्ज की गई है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘वार्षिक मलेरिया मामलों (एपीआई) में 2017 की तुलना में 2018 में 27.6 प्रतिशत की कमी आई थी और 2018 की तुलना में 2019 में इसमें 17.6 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।’’
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क्षेत्रवार स्तर पर भी भारत में इस तरह के मामलों में सर्वाधिक कमी आई है और यह दो करोड़ से घट कर करीब 60 लाख हो गई है।
मंत्रालय ने कहा कि भारत में 2000 से 2019 के बीच मलेरिया के मामलों में 71.8 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि इससे होने वाली मौत की दर 73.9 प्रतिशत घटी है।
उल्लेखनीय है कि देश में मलेरिया उन्मूलन के लिए कोशिशें 2015 में शुरू की गई थी और 2016 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय फ्रेमवर्क शुरू किए जाने के बाद इसमें तेजी आई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जुलाई 2017 में मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (2017-22) शुरू की, जिसने अगले पांच वर्षों के लिए रणनीतियां निर्धारित की।
वर्ष 2019 में मलेरिया के कुल मामलों में 45.47 प्रतिशत मामले ओडिशा, झारखंड, मेघालय और मध्यप्रदेश में सामने आए।
मंत्रालय के मुताबिक मलेरिया से करीब 63.64 प्रतिशत मौतें भी इन्हीं राज्यों में दर्ज की गई।
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