मालवन, एक सितंबर मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने रविवार को कहा कि एकनाथ शिंदे नीत महायुति सरकार और विपक्ष छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर राजनीति न करें। जरांगे ने साथ ही राज्य तथा राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग की।
जरांगे ने मालवन में राजकोट किले का दौरा किया, जहां 17वीं शताब्दी के मराठा योद्धा की 35 फुट ऊंची प्रतिमा 26 अगस्त को ढह गई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया था।
इस घटना से पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया,वहीं प्रधानमंत्री ने इस घटना के लिए माफी मांगी है।
जरांगे ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ विपक्ष और सरकार दोनों को ही इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। सरकार को मामले की विस्तृत जांच करानी चाहिए। ठेकेदारों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि विपक्ष और महायुति सरकार दोनों ही शिवाजी के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता जरांगे ने कहा, ‘‘ एक कानून होना चाहिए कि जो लोग प्रतीकों का अपमान करते हैं उन्हें सलाखों के पीछे होना चाहिए और उन्हें जल्दी बाहर नहीं आने दिया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि राजकोट किले में शिवाजी की मजबूत प्रतिमा लगाई जानी चाहिए।
उन्होंने इस घटना के लिए केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना की।
उधर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री की माफी में अहंकार की बू आ रही थी। वहीं राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने इस घटना को भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया।
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