ठाणे, 2 अप्रैल : महाराष्ट्र में ठाणे जिले के 'मुंब्रा' इलाके में एक इमारत ढहने के 10 साल बाद भी पीड़ितों और उनके परिजनों को न्याय का इंतजार है. इस हादसे में 74 लोगों की मौत हुई थी और 60 से अधिक लोग घायल हुए थे. मुंब्रा उपनगर के ‘लकी कंपाउंड’ में स्थित इमारत ‘आदर्श’ चार अप्रैल, 2013 को ढह गई थी. जिसके बाद इस मामले में वरिष्ठ निगम अधिकारियों, बिचौलियों, बिल्डरों, ठेकेदारों, एक नगरसेवक और एक पुलिसकर्मी सहित 27 लोगों को आरोपी बनाया गया था और उन्हें गिरफ्तार किया गया था. लेकिन बाद में उन्हें जमानत दे दी गई.
संयोग से मामले की अगली सुनवाई चार अप्रैल को ही है. हादसे के बाद आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), धारा 336, धारा 337, धारा 338 (मानव जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए जल्दबाजी या लापरवाही से किया गया कार्य), धारा 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), धारा 120बी (आपराधिक साजिश) और धारा 34 (सामान्य इरादा) और साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया गया था. यह भी पढ़ें : Delhi Shocker: दिल्ली के नशे का स्रोत हिमाचल अब खुद नशे की गिरफ्त में
हादसे में मारे गए 74 लोगों में 18 बच्चे शामिल थे. हादसे के वक्त इमारत में वहां काम करने वाले श्रमिक और उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे. बंबई उच्च न्यायालय ने 2015 में ठाणे की एक अदालत से कहा था कि मामले की सुनवाई 18 महीने में पूरी कर ली जाए, लेकिन मामले की सुनवाई अब भी जारी है.