Maharashtra: स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा- महाराष्ट्र को COVID-19 टीके की कम खुराकें दी जा रही
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Photo Credits-ANI Twitter)

मुंबई, आठ अप्रैल: महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बृहस्पतिवार को सवाल किया कि राज्य को गुजरात और मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों की तुलना में कोविड-19 के कम टीके क्यों दिए जा रहे हैं जबकि राज्य टीकाकरण अभियान में अग्रणी है और सबसे ज्यादा उपचाराधीन मामले हैं.

एक दिन पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के ‘लापरवाहपूर्ण’ रवैये ने इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में पूरे देश के प्रयास को कमतर किया है. फेसबुक लाइव में टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र को हर सप्ताह टीके की 40 लाख खुराकों की जरूरत है और स्पष्ट किया कि टीकाकरण अभियान केंद्र और राज्य के बीच टकराव का मुद्दा नहीं है.

उन्होंने कहा कि राज्य को बृहस्पतिवार को टीके की 7.5 लाख खुराकें मिली. टोपे ने कहा, ‘‘आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात करने के बाद मुझसे कहा गया कि हमें 15 अप्रैल के बाद 17.5 लाख खुराकें मिलेगी.’’ टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र को 7.5 लाख खुराकें मिली है वहीं उत्तर प्रदेश को 48 लाख खुराकें, मध्य प्रदेश को 40 लाख, गुजरात को 30 लाख और हरियाणा को 24 लाख खुराकें दी गयी हैं. उन्होंने सवाल किया, ‘‘महाराष्ट्र टीकाकरण अभियान में अग्रणी है और सबसे ज्यादा उपचाराधीन मामले हैं लेकिन केवल 7.5 लाख खुराकें ही क्यों दी गयी हैं.’’

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टोपे ने कहा कि देश में कुल उपचाराधीन मामलों में महाराष्ट्र के 55 प्रतिशत मामले हैं और टीके की आपूर्ति जरूरत के हिसाब से होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 12 करोड़ की आबादी वाले महाराष्ट्र को अब तक 1.04 करोड़ खुराकें मिल पायी है जबकि पड़ोस के छह करोड़ आबादी वाले गुजरात को एक करोड़ खुराकें दी गयी हैं जहां करीब 17,000 उपचाराधीन मामले हैं. टोपे ने कहा कि आज की तारीख में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा करीब 4.5 लाख उपचाराधीन मामले हैं जबकि संक्रमितों की संख्या 30 लाख से अधिक हो चुकी है.

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र भौगोलिक रूप से और आबादी के लिहाज से बड़ा राज्य है...केंद्र को मरीजों, जांच, उपचाराधीन मरीजों की संख्या के हिसाब से अन्य राज्यों के साथ महाराष्ट्र की तुलना करनी चाहिए.’’ टोपे ने कहा, ‘‘हमारे पास मुश्किल से नौ लाख खुराकें बची हुई है जिससे एक या डेढ़ दिन ही टीकाकरण हो पाएगा.’’ साथ ही कहा कि टीके की कमी के कारण सतारा, सांगली और पनवेल में कई टीकाकरण केंद्र बंद कर दिए गए हैं.

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