पुणे: सेना (Army) और पुणे पुलिस (Pune Police) ने एक संयुक्त अभियान में रेलवे, बैंकिग और प्रादेशिक सेना जैसी विभिन्न सरकारी सेवाओं में नौकरी दिलाने का वादा करने वाले फर्जी भर्ती गिरोह (Fake Recruitment Gang) का भंडाफोड़ किया है. रक्षा अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में महाराष्ट्र (Maharashtra) के सोलापुर जिले से दो लोगों को पकड़ा गया है. ये दोनों ''बड़े गिरोह'' का हिस्सा प्रतीत होते हैं. यह भी पढ़ें: Maharashtra: बॉम्बे HC ने केंद्र सरकार को लगाई फटकार, कहा- खराब वेंटिलेटर को बदलना होगा, मरीजों पर प्रयोग की इजाजत नहीं दे सकते
एक रक्षा विज्ञप्ति में कहा गया है, ''पुणे में भर्ती दस्तावेज जारी करने और फर्जी वेबसाइट के जरिये संभावित आवेदकों के रेलवे, बैंकिग तथा प्रादेशिक सेना जैसी सरकारी सेवाओं में चयन के परिणाम घोषित करने का एक फर्जी भर्ती गिरोह चल रहा था, जिसका सेना और पुलिस अधिकारियों ने भंडाफोड़ किया है.’’
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सेना की दक्षिणी कमान की खुफिया एजेंसियों द्वारा प्रदान की गई गुप्त सूचना के आधार पर गिरोह का भंडाफोड़ किया गया. विज्ञप्ति में कहा गया है कि गिरोह ने हाल ही में प्रादेशिक सेना की एक फर्जी वेबसाइट बनाई थी, जिस पर चयनित आवेदकों के नाम अपलोड किए गए थे. जांच में सामने आया कि वे इन सेवाओं में शामिल होने के इच्छुक भोले-भाले आवेदकों से फर्जी भर्ती के लिये भारी शुल्क वसूल रहे थे. यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में बीते 24 घंटों में 15,169 लोग हुए कोरोना पॉजिटिव, 285 मरीजों की मौत, मुंबई में एक दिन में 925 नए मामले आए सामने
विज्ञप्ति के अनुसार, ''अभ्यर्थियों से उनके चयन के लिये न केवल भारी-भरकम धनराशि वसूली जा रही थी बल्कि फर्जी लिखित परीक्षा, मेडिकल परीक्षा और प्रशिक्षण के लिये विभिन्न संदिग्ध स्थान पर आने-जाने और रहने-खाने का खर्च भी उन्हें ही उठाना पड़ रहा था. '' विज्ञप्ति में कहा गया है कि अपराध शाखा की एक टीम ने 31 मई और एक जून की मध्यरात्रि सोलापुर से भरत कृष्ण काते और पंडित पवार को पर्याप्त सबूतों के साथ पकड़ा.
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