मुंबई/ठाणे, 20 अगस्त : मुंबई में शुक्रवार को कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर पर दही हांडी समारोह के दौरान मानव ‘पिरामिड’ बनाने के दौरान 153 ‘गोविंदा’ या प्रतिभागी घायल हो गए, जबकि ठाणे शहर में 64 व्यक्ति घायल हुए. निकाय अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में अधिकांश घायलों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 23 अन्य को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर बतायी गई है. अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृह क्षेत्र ठाणे शहर में 64 घायलों में से 12 का अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है, लेकिन सभी खतरे से बाहर हैं.
कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित रहे कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव का हिस्सा दही हांडी कार्यक्रम दो साल के अंतराल के बाद शुक्रवार को राज्य भर में अत्यंत उत्साह के साथ मनाया गया. प्रतिभागियों की मंडली ने ऊपर लटके हुए छाछ और दही (‘दही’) वाले मिट्टी के बर्तन (‘हांडी’) को तोड़ने के लिए मानव ‘पिरामिड’ का निर्माण करके एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा की. यह त्योहार विशेष रूप से मुंबई, ठाणे और आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है. दही हांडी आयोजनों और प्रतिभागियों की मंडलियों को इन क्षेत्रों राजनीतिक संरक्षण मिलता है. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में 153 घायलों में से 40 लोगों का इलाज नगर निगम द्वारा संचालित केईएम अस्पताल में, 17 का राजावाड़ी अस्पताल में और 14 का कूपर अस्पताल में किया गया. यह भी पढ़ें : Bihar: कांग्रेस का नीतीश, तेजस्वी से कानून मंत्री विवाद पर आवश्यक कदम उठाने का आग्रह
नायर अस्पताल सहित निगम अस्पतालों ने 12 प्रतिभागियों का इलाज किया, सायन अस्पताल ने 10, ट्रॉमा केयर अस्पताल ने छह, भाभा अस्पताल ने पांच, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल ने तीन और शताब्दी अस्पताल ने दो प्रतिभागियों का इलाज किया.
नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि कई घायल प्रतिभागियों का इलाज भी सरकारी अस्पतालों में भी किया गया. उन्होंने बताया कि तेरह प्रतिभागियों का इलाज सरकारी जीटी अस्पताल में, पांच का सेंट जॉर्ज अस्पताल में और तीन का जेजे अस्पताल में, जबकि कई अन्य का निजी अस्पतालों में इलाज किया गया. ठाणे नगर निगम के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ (आरडीएमसी) के प्रमुख अविनाश सावंत ने कहा, ‘‘शुक्रवार को ठाणे शहर में दही हांडी समारोह के तहत मानव ‘पिरामिड’ बनाते समय कुल 64 प्रतिभागियों को चोटें आईं.
अधिकांश घायलों को मौके पर मौजूद मेडिकल टीम ने उपचार प्रदान किया गया.’’ उन्होंने बताया कि नौ घायलों का कलवा सिविक अस्पताल में, दो अन्य का जिला सिविल अस्पताल में और एक का कौशल्या अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. सावंत ने कहा, ‘‘वे सभी खतरे से बाहर हैं और ठीक हो रहे हैं.’’ बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री शिंदे ने राज्य विधानसभा को बताया था कि सरकार ने दही हांडी को रोमांचक खेल का दर्जा देने का फैसला किया है. रोमांचक खेल का दर्जा मिलने से इन आयोजनों में शामिल युवा प्रतिभागी खेल कोटा के तहत सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर प्रतिभागियों को मानव ‘पिरामिड’ बनाते समय चोट लगती है तो प्रतिभागियों या उनके परिवारों को मुआवजा भी दिया जाएगा. सरकारी अस्पतालों को घायल प्रतिभागियों का नि:शुल्क इलाज करने के निर्देश दिए गए हैं.