भोपाल, 20 दिसंबर मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीच सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
संसद में डॉ. बीआर आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सांसदों के बीच टकराव को लेकर विधानसभा में सत्तारूढ़ और विपक्षी सदस्य हंगामा कर रहे थे।
शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सूचीबद्ध कार्य पूरे करने के बाद सदन की कार्यवाही पारंपरिक राष्ट्रगान के बिना स्थगित कर दी गई।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने संसद परिसर में हाथापाई के दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के ‘अनुचित व्यवहार’ का मुद्दा उठाया, जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के सदस्यों ने हंगामा किया।
कांग्रेस विधायकों ने भाजपा सदस्यों से ‘जय भीम’ के नारे लगाने को कहा और डॉ. आंबेडकर का कथित रूप से अपमान करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।
कांग्रेस विधायक नीला मफलर पहनकर सदन में आए थे और वे आसन के सामने पहुंच गए।
भाजपा सदस्यों ने लोकसभा में राहुल गांधी के व्यवहार की निंदा की और सदन के बीच पहुंच गए।
शोरगुल के बीच अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रगान के बिना सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भंवर सिंह शेखावत ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए दावा किया कि विधानसभा के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि सदन को राष्ट्रगान के बिना अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान का सम्मान नहीं करती।
विपक्ष के उपनेता हेमंत कटारे ने कहा कि यह विधानसभा सचिवालय की गलती थी कि सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
हालांकि, राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि सदन में राष्ट्रगान के लिए उचित व्यवस्था नहीं थी और ऐसी स्थिति में अध्यक्ष के लिए इसे संचालित करना संभव नहीं था।
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