नयी दिल्ली, 20 दिसंबर दूरसंचार विभाग ने कंपनियों को आदेश दिया है कि वे तीन महीने तक दूरसंचार उपभोक्ताओं को प्रतिदिन आठ से 10 बार साइबर अपराध जागरूकता वाली कॉलर-ट्यून सुनाएं।
दूरसंचार कंपनियों को भेजे गए आदेश की प्रति के अनुसार, कॉलर-ट्यून गृह मंत्रालय के तहत एक साइबर अपराध इकाई भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा प्रदान की जाएगी। यह आदेश 18 दिसंबर को जारी किया गया है।
आदेश के अनुसार, “कॉलर-ट्यून अभियान के माध्यम से साइबर अपराध के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए कॉल-पूर्व घोषणा/रिंग बैक टोन व्यवस्था के माध्यम से कॉलर-ट्यून बजाने का निर्णय लिया गया है। इसे आई4सी के नोडल अधिकारी दूरसंचार कंपनियों (टीएसपी) को देंगे। एक ग्राहक को कॉलर-ट्यून दिन में लगभग आठ से 10 बार सुनाई जा सकती है।”
आदेश में दूरसंचार कंपनियों (टीएसपी) से तत्काल इस आदेश पर कार्रवाई करने को कहा गया है।
आदेश में कहा गया है, “साइबर अपराध से संबंधित विभिन्न कॉलर ट्यून तीन महीने की अवधि के लिए साप्ताहिक आधार पर प्रदान की जाएंगी।”
डिजिटल गिरफ्तारी जैसी नयी तरह की धोखाधड़ी से वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जहां साइबर अपराधी पुलिस, न्यायाधीश आदि बनकर पीड़ितों को ठगते हैं।
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