कराची, 24 फरवरी शर्मिली पाकिस्तानी युवती इकरा ने कभी नहीं सोचा था कि ऑनलाइन गेम लूडो की बाजी में वह इस तरह अपना दिल हार बैठेगी. और दिल भी हारी तो किससे - एक हिंदुस्तानी से. और फिर दिल के हाथों मजबूर होकर इकरा पहले दुबई और फिर वहां से नेपाल के रास्ते होते हुए भारतीय शहर बेंगलुरू जा पहुंची. हालांकि ‘‘शर्मीली’’ इकरा की कहानी अब एक दुखद मोड़ पर जाकर खत्म हो चुकी है. यह भी पढ़ें: ऑनलाइन Ludo खेलते हुए पाकिस्तानी लड़की को भारतीय लड़के से हुआ प्यार, शरहद पर आकर बेंगलुरु में की शादी, पुलिस ने भेजा वापस
किसी फिल्मी कहानी के जैसा दिलचस्प लेकिन दुखद यह किस्सा इकरा के चाचा ने बताया. लड़की के चाचा ने कहा कि उसने भारत जाने के लिए दुबई और उसके बाद काठमांडू तक के हवाई टिकट के लिए अपने गहने बेचे और दोस्तों से पैसे उधार लिए.
इकरा जीवानी नामक लड़की को पिछले महीने बेंगलुरु से बरामद किया गया था, जहां वह एक हिंदू व्यक्ति मुलायम सिंह यादव के साथ रह रही थी, जो अब जेल में है. लड़की को रविवार को वाघा सीमा पर पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले कर दिया गया. दोनों ऑनलाइन मिले और प्यार हो गया तथा बाद में शादी करने का फैसला किया. इसके बाद वह कुछ महीने पहले नेपाल पहुंची और वहां दोनों ने शादी कर ली.
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में लड़की के परिवारवालों ने बताया कि इकरा अपने घर लौट आई है। लड़की के पिता, चाचा और मां उसे लाने के लिए लाहौर गए थे. इससे पहले भारतीय अधिकारियों ने उसे अपने पाकिस्तानी समकक्षों को सौंप दिया था.
यह रोचक कहानी पिछले साल सितंबर में शुरू हुई जब इकरा कॉलेज जाने के बाद लापता हो गई. इकरा से बात नहीं हो पाई लेकिन उनके पिता सोहेल जीवानी ने कहा कि मामला अब हमेशा के लिए बंद हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अभी भी नहीं पता कि अकेले भारत जाने की हिम्मत उसमें कहां से आई। वह हमेशा से बहुत शर्मीली लड़की रही है। हर किसी की तरह हम भी हैरान हैं.’’
परिवार के एक व्यक्ति ने कहा कि पिछले चार महीनों में जो कुछ हुआ, उसके सदमे से परिवार अभी भी उबर नहीं पाया है. सवाल अभी भी बना हुआ है कि 16 साल की इकरा कराची से दुबई, फिर काठमांडू और वहां से भारत कैसे गई.
लड़की के परिवारवालों ने कहा, ‘‘उसने यह लंबी और खतरनाक यात्रा इसलिए की क्योंकि उसे एक भारतीय शख्स से प्यार हो गया था, जिसे वह एक मुस्लिम सॉफ्टवेयर इंजीनियर समीर अंसारी समझती थी.’’
अंसारी असल में 26 वर्षीय मुलायम सिंह यादव था, जो बेंगलुरु में सुरक्षा गार्ड का काम करता था. इकरा की उससे पहचान ऑनलाइन लूडो गेम खेलने के दौरान हुई थी.
इकरा ने अपने गहने बेच दिए और अपने कॉलेज की दोस्तों से दुबई और उसके बाद काठमांडू जाने को लेकर हवाई टिकट खरीदने के लिए पैसे उधार लिए, जहां से उत्तर प्रदेश के रहने वाले यादव ने उसे भारत-नेपाल सीमा के रास्ते बेंगलुरु लाने की व्यवस्था की थी.
लड़की के चाचा अफजल जीवानी ने कहा कि इकरा दुबई और फिर काठमांडू गई क्योंकि उसे भारत का वीजा नहीं मिला। उन्होंने कहा कि यादव के पड़ोसियों ने इकरा को नमाज अदा करते देख शक होने पर पुलिस को सूचना दी. अफजल ने कहा, ‘‘कुछ पड़ोसियों को शक हुआ जब उन्होंने एक लड़की को एक हिंदू के घर में नमाज पढ़ते हुए देखा, क्योंकि उसने वहां हिंदू नाम रवा रखा हुआ था.’’
उन्होंने यह भी पुष्टि की कि भारतीय पुलिस ने शिकायत के तुरंत बाद इकरा को बरामद कर लिया, लेकिन उसे एक आश्रय गृह में रखा, जहां उससे पुलिस और खुफिया लोगों ने पूछताछ की थी कि वह भारत में कैसे पहुंची.
यादव ने इकरा का नाम बदलकर रवा करने के बाद उसके लिए आधार कार्ड भी बनवाया और बाद में उसने भारतीय पासपोर्ट के लिए भी आवेदन किया. अफजल ने कहा, ‘‘लेकिन हम उसे बरामद करने और इस खौफनाक अध्याय को समाप्त करने में हमारी मदद करने के लिए पाकिस्तान और भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं.’’
उन्होंने कहा कि लड़की पाकिस्तान लौटने के बाद से लगातार माफी मांग रही है। उन्होंने दावा किया कि ऑनलाइन लूडो गेम खेलने के दौरान जब दोनों सोशल मीडिया पर मिले तो भारतीय व्यक्ति ने खुद को मुस्लिम लड़का बताकर उनकी भतीजी को धोखा दिया.
जीवानी परिवार का दक्षिणी सिंध प्रांत में हैदराबाद शहर के शाही बाजार में व्यवसाय है. परिवार के लोगों ने कहा कि इकरा को बेंगलुरु पहुंचने और यादव से मिलने के बाद अपनी गलती का एहसास हुआ क्योंकि उसने व्हाट्सएप पर अपनी मां को सब कुछ बताने के लिए फोन करना शुरू कर दिया.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि परिवार ने उन्हें फोन के बारे में सूचित किया और उन्होंने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के साथ संपर्क किया, जिसने लड़की को खोजने और बरामद करने में मदद करने के लिए अपने भारतीय समकक्षों से संपर्क किया.
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