देहरादून, नौ जून उत्तराखंड में स्थित चार धामों में स्थानीय श्रद्धालु सीमित संख्या में अपने—अपने जिलों में प्रशासन की अनुमति से दर्शन कर सकेंगे ।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने चमोली, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलाधिकारियों की सलाह के आधार पर मंगलवार को यह आदेश जारी किया ।
आदेश के अनुसार, संबंधित जिलों के श्रद्धालुओं को छोड़कर बाहर के श्रद्धालुओं के लिये 30 जून तक धामों में दर्शन की अनुमति नहीं होगी।
बदरीनाथ के लिए एक दिन में 1200, केदारनाथ के लिए 800, गंगोत्री के लिए 600 और यमुनोत्री के लिए एक दिन में अधिकतम 400 लोगों को दर्शन की अनुमति दी जाएगी ।
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आदेश में रमन ने कहा कि चमोली, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों द्वारा जिलों में स्थित धामों में आमजन तथा तीर्थ पुरोहितों आदि से विचार विमर्श करके यह सुनिश्चित किया गया है कि वर्तमान में कोविड-19 की परिस्थितियों के द्रष्टिगत चारधाम यात्रा को 30 जून तक स्थगित रखा जाए ।
अधिकांश हितधारकों ने हांलांकि, इस बात पर सहमति दी है कि स्थानीय नागरिकों को सभी आवश्यक सावधानियों का पालन करते हुए अत्यंत सीमित संख्या में धामों के दर्शन की अनुमति दी जा सकती है ।
रमन ने कहा कि इसी के क्रम में यह निर्णय लिया गया है कि संबंधित जिलाधिकारियों की अनुमति से अपने—अपने जिलों में तीस जून तक एक दिन में बदरीनाथ धाम में अधिकतम 1200, केदारनाथ में अधिकतम 800, गंगोत्री में अधिकतम 600 और यमुनोत्री में अधिकतम 400 श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे ।
बदरीनाथ के लिए बोर्ड ने अलग से मानक प्रचालन विधि (एसओपी) भी जारी की है जिसमें दर्शन के लिए निशुल्क टोकन की व्यवस्था की जाएगी।
इससे पहले, चारों धामों के पुजारियों तथा अन्य हितधारकों के यात्रा को फिलहाल खोले जाने को लेकर विरोध के चलते राज्य सरकार ने रविवार देर रात इस संबंध में जिला प्रशासन सहित विभिन्न पक्षों से राय-मशविरा करके निर्णय लेने का अधिकार नवगठित चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर छोड दिया था।
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