लखनऊ: सीबीआई की विशेष अदालत ने बाबरी विध्वंस मामले में चल रही सुनवाई में मंगलवार को आरोपी बृजभूषण शरण सिंह, सतीश प्रधान और पवन कुमार पाण्डेय को निर्देश दिया कि वे 10 जून को सीआरपीसी की धारा—313 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए पेश हों. अदालत ने अन्य आरोपियों लल्लू सिंह, कमलेश त्रिपाठी, संतोष दुबे और रामचंद्र खत्री को इसी उददेश्य से 11 जून को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया. इसी प्रकार आरोपी जय भगवान गोयल, ओमप्रकाश पाण्डेय, अमरनाथ गोयल और जयभगवान सिंह पवैया को बयान दर्ज कराने के लिए 12 जून को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा गया है.
विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने मंगलवार को उक्त आरोपियों को पेश होने से छूट की अनुमति प्रदान करते हुए यह आदेश दिया. डॉ. राम विलास वेदांती मंगलवार को अदालत में पेश हुए और सीआरपीसी की धारा—313 के तहत बयान दर्ज कराया। उनके अलावा और कोई आरोपी अदालत में मौजूद नहीं था क्योंकि अदालत ने उनकी अर्जी पर व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी थी. वेदांती पांचवें ऐसे आरोपी हैं, जिनका बयान दर्ज किया गया है. इससे पहले अदालत विजय बहादुर सिंह, गांधी यादव, प्रकाश शर्मा और रामजी गुप्ता के बयान दर्ज कर चुकी है। मामले में कुल 32 आरोपी हैं, जो अदालती कार्यवाही का सामना कर रहे हैं. यह भी पढ़े:कोरोना वायरस के महाराष्ट्र में 2259 मरीज पाए गए, 120 की मौत: 9 जून 2020 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE.
अदालत ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य के आधार पर सभी आरोपियों से खुद के निर्दोष होने के संबंध में जवाब के लिए लगभग एक हजार सवाल तैयार किए हैं. सीबीआई के वकील ललित सिंह ने बताया कि हर आरोपी का बयान दर्ज किया जाएगा, ऐसे में कार्यवाही संपन्न करने में काफी समय लगना तय है।
मामले के आरोपियों में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास, साक्षी महाराज और साध्वी ऋतंभरा भी शामिल हैं. सोमवार को आडवाणी, जोशी और उमा भारती से अदालत ने कहा कि सीआरपीसी की धारा—313 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए अदालत जिस दिन बुलाएगी, उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना पड़ेगा.
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