दमिश्क में सोमवार को शांति रही। जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, हालांकि अधिकतर दुकानें और सार्वजनिक संस्थान बंद रहे। सड़कों पर कुछ लोग अब भी जश्न मना रहे हैं। यातायात फिर से शुरू हो गया, लेकिन कोई सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध नहीं है। बेकरी और अन्य खाद्य दुकानों के सामने लंबी लाइनें लग गईं। सुरक्षा बलों की मौजूदगी का कोई संकेत नहीं है।
कुछ इलाकों में, सड़कों पर हथियारबंद लोगों के छोटे-छोटे समूह तैनात रहे। ऑनलाइन प्रसारित एक वीडियो में सैन्य वर्दी में एक व्यक्ति को राइफल पकड़े देखा जा सकता है जो दमिश्क के बगल में स्थित मेजेह के निवासियों को आश्वस्त करने का प्रयास कर रहा है कि उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
लड़ाके ने कहा, ‘‘हम किसी के भी खिलाफ नहीं हैं। न तो अलावी, न ही ईसाई, न ही शिया, न ही ड्रूज़, लेकिन सभी को अच्छा व्यवहार करना चाहिए। किसी को भी हम पर हमला करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।’’
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा काम पर लौटने के आह्वान को नजरअंदाज करने के कारण कुछ प्रमुख सरकारी सेवाएं ठप हो गईं, जिससे हवाई अड्डों और सीमाओं पर समस्याएं पैदा हो गईं और मानवीय सहायता पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं।
सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय एवं मानवीय समन्वयक एडम अब्देलमौला ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की सेवाएं ‘‘पूरी तरह और अचानक ठप’’ हो गई हैं। उन्होंने बताया कि विमानन कर्मचारियों के ड्यूटी पर नहीं आने के कारण तत्काल आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति ले जाने वाली उड़ान को रोक दिया गया।
पड़ोसी देशों से शरणार्थियों के जत्थे भी अधिक शांतिपूर्ण भविष्य की उम्मीद में यहां पहुंच रहे हैं। विद्रोही गठबंधन के लिए आगे आने वाली मुश्किलों के संकेत पहले से ही मिल रहे थे, जिसका अब देश के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण है। विद्रोहियों का नेतृत्व अल-कायदा का एक पूर्व कमांडर कर रहा है, जिसने देश में प्रतिनिधि सरकार और धार्मिक सहिष्णुता का वादा किया है।
इजराइल ने कहा है कि उसके सुरक्षा बलों ने सीरिया में संदिग्ध रासायनिक हथियार ठिकानों और लंबी दूरी के रॉकेटों पर हमला कर उन्हें नष्ट कर दिया है ताकि ये शत्रुओं के हाथ न लग सकें। सीरियाई सैनिकों की वापसी के बाद इजराइल ने सीरिया के अंदर एक ‘बफर जोन’ पर भी कब्जा कर लिया है।
तुर्किये ने कहा कि उत्तरी सीरिया में सहयोगी विपक्षी बलों ने अमेरिका समर्थित कुर्द नेतृत्व वाली सेनाओं को खदेड़ते हुए मनबीज शहर पर कब्जा कर लिया है। इससे पता चलता है कि असद के सीरिया छोड़कर रूस चले जाने के बाद भी देश सशस्त्र समूहों के बीच विभाजित है।
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ ने कहा कि रूस ने सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर असद को राजनीतिक शरण दी है। ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने संवाददाताओं को बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने असद को शरण देने का निर्णय व्यक्तिगत रूप से लिया। पेस्कोव ने इस बारे में नहीं बताया कि असद कहां ठहरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पुतिन की असद से मिलने की योजना नहीं है।
असद और उनके अधिकतर शीर्ष अधिकारियों के सप्ताहांत में गायब हो जाने के बाद भी अपने पद पर बने हुए प्रधानमंत्री जलाली ने सामान्य स्थिति का संकेत देने की कोशिश की है। उन्होंने ‘स्काई न्यूज अरबिया टीवी’ से कहा, ‘‘हम इस बात के लिए काम कर रहे हैं कि बदलाव की व्यवस्था जल्दी और सुचारू रूप से संपन्न हो।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरक्षा स्थिति में पहले दिन से सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार विद्रोहियों के साथ समन्वय कर रही है, और वह विद्रोही नेता अहमद अल-शरा से मिलने के लिए तैयार हैं। अल-शरा को पहले अबू मोहम्मद अल-गोलानी के नाम से जाना जाता था। शरा ने रविवार को दमिश्क मस्जिद में उपस्थिति दर्ज कराई थी।
असद की सत्ता के खात्मे के बाद सीरिया के लोग भी नयी वास्तविकता के साथ तालमेल बिठाने का प्रयास कर रहे हैं।
दमिश्क में विद्रोहियों ने बंदियों को मुक्त कराने के लिए न्यायालय पर धावा बोला था। निवर्तमान सरकार में न्याय मंत्री के सहयोगी न्यायाधीश खितम हद्दाद ने रविवार को कहा कि न्यायाधीश जल्दी ही काम पर लौटने के लिए तैयार हैं। हद्दाद ने न्यायालय के बाहर कहा, ‘‘हम सभी को उनके अधिकार देना चाहते हैं। हम एक नया सीरिया बनाना चाहते हैं और काम जारी रखना चाहते हैं, लेकिन नए तरीकों से।’’
विद्रोहियों ने कहा कि वे व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी देंगे और महिलाओं पर इस्लामी पोशाक नहीं थोपेंगे।
सीरिया में युद्ध पर नजर रखने वाले एक संगठन ने कहा कि असद के भाई माहेर का एक शीर्ष सहयोगी दमिश्क के पास अपने कार्यालय में मृत पाया गया। सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में मेजर जनरल अली महमूद कथित तौर पर खून से लथपथ अवस्था में दिखाई दिए और उनके कपड़े भी जले हुए हैं।
ब्रिटेन स्थित ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी हत्या की गई या यह आत्महत्या का मामला है। माहेर असद ने सेना की चौथी बख्तरबंद डिविजन का नेतृत्व किया, जिसने 2011 में भड़के गृहयुद्ध को कुचलने में प्रमुख भूमिका निभाई थी।
इजराइल ने ईरान और लेबनान के प्रमुख सहयोगी असद के सत्ता से बेदखल होने का स्वागत किया, लेकिन आगे क्या होगा इस पर चिंता व्यक्त की। इजराइल का कहना है कि उसके सुरक्षाबलों ने सीरिया के अंदर एक बफर जोन पर अस्थायी रूप से कब्जा कर लिया है, जो 1974 के समझौते के अनुसार है।
इजराइल के विदेश मंत्री गिडिअन सार ने कहा, ‘‘हमारा एकमात्र हित इजराइल और उसके नागरिकों की सुरक्षा है।’’ उन्होंने कहा कि इसी वजह से इजराइली सुरक्षा बलों ने इन हथियारों को हमला कर नष्ट कर दिया, ताकि ये चरमपंथियों के हाथ न लग सकें।
तुर्किये के अधिकारियों ने कहा है कि उसके सहयोगियों ने सीरिया के उत्तरी शहर मनबीज में अमेरिका समर्थित और कुर्द नेतृत्व वाली सेना को हराकर पूरी तरह कब्जा कर लिया है। इस सेना को सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) के नाम से जाना जाता है।
तुर्किये को असद विरोधी सीरियाई विपक्ष का मुख्य समर्थक माना जाता है। एसडीएफ ने कहा कि तुर्किये के ड्रोन ने पूर्वी सीरिया के अल-मिस्त्रिहा गांव पर हमला किया, जिसमें छह बच्चों सहित 12 नागरिक मारे गए।
तुर्किये एसडीएफ को प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) का विस्तारित हिस्सा मानता है, जिसने तुर्किये में दशकों से विद्रोह छेड़ रखा है। इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ युद्ध में एसडीएफ अमेरिका का एक प्रमुख सहयोगी भी रहा है। एसडीएफ में मुख्य रूप से सीरियाई कुर्द लड़ाके हैं।
तुर्किये के विदेश मंत्री हकन फिदान ने सीरिया में एक नए युग की उम्मीद जताई है, जिसमें जातीय और धार्मिक समूह एक समावेशी सरकार के तहत शांतिपूर्वक रह सकेंगे, लेकिन उन्होंने इस्लामिक स्टेट या कुर्द लड़ाकों को स्थिति का फायदा उठाने की अनुमति न देने की चेतावनी देते हुए कहा कि तुर्किये सीरिया को ‘‘आतंकवाद के लिए पनाहगाह’’ बनने से रोकेगा।
वहीं, असद की सरकार के बेदखल होने के बाद सैकड़ों सीरियाई शरणार्थी दक्षिणी तुर्किये में दो सीमा चौकियों पर एकत्र हुए, जो अपने घर वापसी की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। कई लोग सर्द मौसम के बीच भोर में कंबल ओढ़कर सिल्वेगोजू और ओनकुपीनार सीमा द्वारों पर पहुंच गए। कुछ लोग अलाव जलाकर सीमा अवरोधकों के पास रुके हैं और वहां से निकलने का इंतजार कर रहे हैं।
ओनकुपीनार सीमा द्वार पर मुस्तफा सुल्तान (29) ने बताया कि वह अपने बड़े भाई को ढूंढ़ने के लिए सीरिया जा रहे, जो असद के शासन के दौरान दमिश्क में कैद थे।
तुर्किये के अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि असद के सत्ता से बेदखल होने के बाद से कितने सीरियाई वापस लौटे हैं। ‘हैबरटर्क टेलीविजन’ के अनुसार अधिकारियों ने सिल्वेगोजू से लगभग पांच किलोमीटर दूर एक सुरक्षा चौकी बनाई है, जहां केवल उचित दस्तावेज वाले सीरियाई लोगों को ही सीमा द्वार पर जाने की अनुमति दी जा रही है।
सैकड़ों विस्थापित सीरियाई लोग लेबनान से भी वापस लौट रहे हैं। लेबनान के निवासियों ने अपने वतन वापसी का इंतजार कर रहे सीरियाई लोगों को बधाई के तौर पर मिठाइयां बांटीं।
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