इस्लामाबाद, 26 दिसंबर पाकिस्तान की सैन्य अदालतों ने पिछले वर्ष नौ मई को हिंसा के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों के मामलों में 60 अन्य नागरिकों को दोषी ठहराया और उन्हें दो से 10 वर्ष तक की जेल की सजा सुनाई। सेना ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ (आईएसपीआर) की ओर से यह जानकारी ऐसे समय में दी गई है, जब एक सप्ताह पहले ही सेना ने सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले में शामिल 25 व्यक्तियों को दोषी करार दिया था। ये हमले इमरान खान की गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों ने किए थे।
नौ मई 2023 को खान की पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) के समर्थकों ने भ्रष्टाचार के एक मामले में अपनी पार्टी के संस्थापक की गिरफ्तारी के खिलाफ आक्रोश दिखाते हुए रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर कथित तौर पर हमले किए थे।
इसके बाद सैकड़ों संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में संलिप्तता के कारण कम से कम 103 लोगों को मुकदमे के लिए सैन्य अधिकारियों को सौंप दिया गया था।
सेना ने कहा, ‘‘फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने सभी साक्ष्यों की जांच करने, दोषियों को सभी कानूनी अधिकारों का प्रावधान सुनिश्चित करने, उचित प्रक्रिया का पालन करने और उचित कानूनी कार्यवाही के बाद शेष 60 दोषियों को सजा सुनाई है।’’
दोषी ठहराए गए लोगों में खान के रिश्तेदार हसन खान नियाज़ी का नाम भी शामिल है और उन्हें लाहौर कोर कमांडर के जिन्ना हाउस आवास पर हमले में शामिल होने के लिए 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)