दक्षिण कोरिया और जापान ऐतिहासिक मसलों पर लंबे समय से जारी गतिरोध को दूर करना चाहते हैं तथा उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम व अन्य क्षेत्रीय चुनौतियों के मद्देनजर आपसी सहयोग को बढ़ावा देना चाहते हैं. जापान के प्रधानमंत्री फिमियो किशिदा दो दिन की यात्रा पर रविवार को दक्षिण कोरिया पहुंचे. इससे पहले, मार्च के मध्य में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने तोक्यो का दौरा किया था. यह भी पढ़ें: India's Relations with China: सीमा प्रबंधन समझौतों के उल्लंघन के कारण चीन के साथ भारत के संबंध ‘असामान्य’- जयशंकर
जापान और दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्षों ने बीते 12 साल में पहली बार एक के बाद एक, एक-दूसरे के देश की यात्रा की है. किशिदा ने सियोल रवाना होने से पहले पत्रकारों से कहा था, “मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रपति यून से हमारे विश्वास के रिश्ते के आधार पर खुले दिल से विचारों का आदान-प्रदान होगा.”
उन्होंने कहा था, “मार्च से ही हमारे बीच वित्त और रक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में विभिन्न स्तर पर संवाद बरकरार है. मेरी योजना इस संवाद को और विस्तार देने की है.” दक्षिण कोरियाई और जापानी अधिकारियों ने कहा कि योल और किशिदा उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम, दक्षिण कोरियाव जापान की आर्थिक सुरक्षा, समग्र संबंधों और अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
दोनों देशों ने बीते कई वर्षों में ऐतिहासिक कारणों से एक-दूसरे के खिलाफ उठाए गए आर्थिक कदमों को हाल के हफ्तों में वापस ले लिया है. 1910 से 1945 तक कोरियाई प्रायद्वीप पर जापान के औपनिवेशिक शासन से उपजे मुद्दों की वजह से सियोल और तोक्यो के बीच रिश्तों में लंबे समय से खटास रही है.
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