नयी दिल्ली, 18 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को बिहार सरकार को उस जनहित याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम अवसर दिया, जिसमें बिहार में पिछले कुछ महीने में कई पुल गिरने के बाद राज्य के पुलों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने वकील ब्रजेश सिंह की जनहित याचिका पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से भी जवाब मांगा।
पीठ ने इस तथ्य पर विचार किया कि इस साल 29 जुलाई को जनहित याचिका पर अनेक अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया था।
उसने कहा, ‘‘बिहार सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया जाता है। यह अंतिम अवसर है।’’
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को अधिकारियों के जवाब दाखिल करने के चार सप्ताह बाद अपना प्रत्युत्तर दाखिल करना होगा।
पीठ ने अब याचिका की सुनवाई के लिए 15 फरवरी 2025 की तारीख तय की है।
याचिकाकर्ता ने बिहार में पुलों के खस्ताहाल को उजागर करने के लिए न्यायालय से अनेक खबरों और अतिरिक्त दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर रखने की मंजूरी मांगी थी।
अदालत ने इस साल 29 जुलाई को जनहित याचिका पर बिहार सरकार से तथा एनएचएआई समेत अन्य से जवाब मांगा था।
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