नयी दिल्ली, 18 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को निर्देश दिया कि वे खेतों में आग लगने की घटनाओं के बारे में नासा के ध्रुवीय-कक्षा उपग्रहों के बजाय भूस्थिर उपग्रहों से आंकड़े प्राप्त करें।
इस प्रकार, पूरे दिन खेतों में लगी आग के आंकड़े राज्य को उपलब्ध कराए जा सकते हैं, ताकि वे तत्काल कार्रवाई कर सकें।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि इसरो नासा के उपग्रहों से आंकड़े ले रहा है, जो रोजाना सुबह 10.30 बजे से अपराह्न डेढ़ बजे के बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) पर से गुजरते हैं और उपग्रह द्वारा कैद की जाने वाली खेतों में आग की घटनाएं केवल इस सीमित अवधि के लिए होती हैं।
पीठ ने कहा कि न्याय मित्र नियुक्त की गईं वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने बताया कि एक कोरियाई उपग्रह, जो स्थिर है, ने शाम 4.20 बजे खेतों में लगी आग के आंकड़े एकत्र किए हैं।
इसमें कहा गया है कि न्याय मित्र ने बताया है कि स्थिर उपग्रहों के माध्यम से एकत्र किए जाने वाले खेतों में आग के आंकड़ों तथा नासा जैसे ध्रुवीय परिक्रमा करने वाले उपग्रहों से प्राप्त आंकड़ों में अंतर हो सकता है, जिन पर इसरो निर्भर करता है।
उसने निर्देश दिया, “इसलिए, हम भारत संघ और (सीएक्यूएम) आयोग को निर्देश देते हैं कि वे कोरियाई स्थिर उपग्रह या किसी अन्य स्थिर उपग्रह से आंकड़ा लेने की तत्काल व्यवस्था करें, ताकि पूरे दिन खेत की आग का आंकड़ा राज्य को उपलब्ध कराया जा सके ताकि वे तत्काल कार्रवाई कर सकें।”
पीठ ने आगे कहा कि आयोग और केंद्र इस कदम को उठाने में इसरो को भी शामिल करेंगे।
न्यायालय ने निर्देश दिया, “इस पहलू पर अनुपालन की रिपोर्ट इस शुक्रवार तक दी जानी चाहिए।” साथ ही पीठ ने कहा कि केंद्र और सीएक्यूएम एक अक्टूबर, 2024 से स्थिर उपग्रहों से आंकड़े प्राप्त करेंगे।
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