देश की खबरें | एमसीडी ने गाजीपुर लैंडफिल में आग के लिए जुर्माना लगाने की एनजीटी की चेतावनी पर आपत्ति जताई

नयी दिल्ली, 18 नवंबर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट पर 21 अप्रैल को लगी भीषण आग के मामले में पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने की राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की चेतावनी पर आपत्ति जताई है।

एमसीडी ने कहा कि दिल्ली सरकार पर पहले ही अनुपचारित ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जुर्माना लगाया जा चुका है। एमसीडी ने यह भी कहा कि वह आग की ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी संभव उपचारात्मक उपाय कर रहा है।

जनवरी 2023 में दिल्ली सरकार पर लगभग 900 करोड़ रुपये का पर्यावरण जुर्माना लगाया गया था। इससे पहले, एनजीटी ने कचरा निपटान स्थल पर आग लगने के संबंध में एमसीडी से जवाब मांगा था। एनजीटी ने कहा था कि दिल्ली सरकार और उसके अधिकारियों ने आग को रोकने के लिए न्यूनतम मानकों का भी पालन नहीं किया।

एमसीडी ने 15 नवंबर को दिए जवाब में कहा, ‘‘एमसीडी पर्यावरण क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाए जाने का कड़ा विरोध करता है, क्योंकि एनजीटी ने इसे पहले ही (ठोस और सीवेज अपशिष्ट प्रबंधन के मामले में) लगा दिया है और एमसीडी सभी निर्देशों (उपचारात्मक उपाय करने के संबंध में) को लागू करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है।’’

जवाब में आग की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे विभिन्न उपायों पर प्रकाश डाला गया। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘पूर्वी दिल्ली में रोजाना लगभग 2400 टन कचरा उत्पन्न होता है। इसमें से लगभग 1300 टन रोजाना गाजीपुर में अपशिष्ट-से-ऊर्जा (डब्ल्यूटीई) संयंत्र में संसाधित किया जा रहा है, जिसकी बिजली उत्पादन क्षमता 12 मेगावाट है। वहीं लगभग 500 टन कचरा प्रतिदिन ओखला में डब्ल्यूटीई संयंत्र में भेजा जा रहा है।’’

एमसीडी ने कहा कि कचरे की शेष मात्रा के लिए, जैव-खनन प्रक्रिया के माध्यम से 15 एकड़ भूमि को पुनः प्राप्त करके गाजीपुर डंपसाइट पर 2000 टीपीडी क्षमता वाला एक नया डब्ल्यूटीई संयंत्र प्रस्तावित किया गया है।

जवाब में कहा गया है, ‘‘संभावित आग के स्रोतों की जांच करने के लिए तीन पाली में लगातार 24 घंटे तैनात कर्मचारियों की देखरेख में साइट पर कचरे को उतारा जा रहा है। डंप साइट गाजीपुर में सुरक्षा, आग की घटनाओं और अन्य गतिविधियों की निगरानी के लिए लगभग 40 व्यक्ति तैनात हैं।’’

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