रांची: चारा घोटाले के संबंध में दुमका कोषागार गबन मामले में सजा काट रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने अपनी जेल की सजा की आधी अवधि पूरी कर लेने के दावे के संबंध में सोमवार को झारखंड उच्च न्यायालय में अपना जवाब दाखिल कर दिया और अदालत से जमानत पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह किया. निमोनिया की शिकायत पर बेहतर इलाज के लिए 23 जनवरी को रांची स्थित राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) से एयर एंबुलेंस से दिल्ली स्थित एम्स भेजे गये लालू यादव की ओर से उनके अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने सोमवार को उच्च न्यायालय में जवाब दाखिल की.
मंडल ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, लालू की जेल में बितायी गयी अवधि की पूरी रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष पेश की गयी है जिसमें कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव ने दुमका कोषागार मामले में 43 माह से ज्यादा का समय जेल में बिताया है जो इस मामले में सीबीआई अदालत द्वारा दी गयी सात वर्ष की सजा की आधी अवधि से अधिक है. ऐसे में लालू को इस मामले में जमानत मिलनी चाहिए. देवर्षि मंडल ने बताया कि जवाब के साथ ही यादव की ओर से जमानत पर जल्द सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय से विशेष आग्रह किया गया है. यह भी पढ़े: चारा घोटाले में बड़ा खुलासा: सुशील मोदी ने कहा- फंसने के बाद लालू यादव ने मांगी थी अरुण जेटली से मदद
लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने दुमका कोषागार से गबन के मामले में 14 वर्ष कैद की सजा सुनायी है जिसमें भारतीय दंड संहिता से जुड़ी धाराओं के तहत सात वर्ष की और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत अलग से सात साल की सजा शामिल है।
लालू की ओर से आधी सजा पूरी करने और बीमारी का हवाला देते हुए झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत की गुहार लगाई गई है.
लालू यादव को अब तक चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में सजा मिल चुकी है जिनमें से तीन मामलों में उन्हें उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है. देवर्षि मंडल ने एक सवाल के जवाब में बताया कि एम्स से लालू यादव की चिकित्सा रिपोर्ट मिलने के बाद उसे भी न्यायालय में दाखिल किया जाएगा.
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