पटना, 15 जनवरी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को संकेत दिए कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाला महागठबंधन पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को अपने साथ जोड़ सकता है।
प्रसाद मकर संक्रांति के अवसर पर भोज के निमंत्रण पर पारस के घर पहुंचे।
प्रसाद के साथ उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और राजद के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी भी थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या पारस का राजद, कांग्रेस और वाम दलों के महागठबंधन में स्वागत किया जाएगा तो उन्होंने ‘हां’ कहा।
बाद में, जब पारस से इस बारे में सवाल पूछे गए, तो उन्होंने कहा "मैंने हमेशा खुद को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का साथी माना। लेकिन लगता है कि भाजपा ने मुझे छोड़ दिया है। पार्टी अब हमेशा बिहार में राजग के पांच घटक दल होने की बात करती है। लेकिन मुझे कभी नहीं गिना जाता।”
उल्लेखनीय है कि बिहार में राजग का नेतृत्व भाजपा कर रही है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद(यू), चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं।
पारस ने अपने भाई रामविलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का विभाजन करके अपना एक अलग गुट राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी बना लिया था। उस समय लोजपा के प्रमुख रामविलास के बेटे चिराग पासवान थे। इसके बाद पारस केंद्र की राजग सरकार में मंत्री बन गए थे। हालांकि 2024 में भाजपा ने पारस को छोड़ चिराग के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसकी वजह से पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।
लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पारस की पार्टी को राजग की ओर से कोई सीट नहीं मिली।
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