नयी दिल्ली, 21 मार्च दिल्ली की जेलों में उन कैदियों की वापसी के लिहाज से तैयारी हो रही है जिन्हें पिछले वर्ष कोरोना वायरस महामारी फैलने के कारण पैरोल पर छोड़ा गया था। कैदियों की वापसी को देखते हुए यहां कोरोना वायरस का खतरा भी बढ़ गया है।
जेल के अधिकारियों के मुताबिक जेलों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि की वजह से सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा कि वे कैदी जिन्हें पिछले वर्ष महामारी के कारण पैरोल पर छोड़ा गया था जब वे लौटेंगे तो हालात और भी मुश्किल हो जाएंगे।
तिहाड़ जेल, रोहिणी जेल और मंडोली जेलों को मिलाकर दिल्ली की जेलों में कुल 18,900 कैदी बंद हैं। हालांकि दिल्ली जेल विभाग की क्षमता महज 10,026 कैदियों की है।
एक वरिष्ठ जेल अधिकारी के मुताबिक आपात पैरोल की अवधि पूरी होने के बाद जब और कैदी लौटेंगे तो जेलों में बंद कैदियों की संख्या 20,000 के आंकड़े को पार कर जाएगी।
हालांकि इस बीच जेल प्राधिकरण ने जोर देकर कहा कि कोविड-19 संबंधी हालात को काबू में रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
महानिदशेक (जेल) संदीप गोयल ने कहा, ‘‘अंतिम बार, 14 जनवरी को एक कैदी कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। हालांकि उसके बाद तीन और लोग संक्रमित पाए गए लेकिन उनके जेल में आने से पहले ही यह पता चल गया।’’
उन्होंने बताया, ‘‘नौ जनवरी के बाद से कोई जेलकर्मी संक्रमित नहीं पाया गया। अत: जेलों के भीतर कोविड हालात काफी कुछ नियंत्रण में हैं। हम सभी एहतियात बरतना जारी रखेंगे।’’
कोरोना वायरस महामारी के कारण जेलों में भीड़ को कम करने के उद्देश्य से 1,184 दोषियों तथा करीब 5,500 विचाराधीन कैदियों को जेलों से छोड़ा गया था।
जेलों में टीकाकरण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, लगभग सभी जेल कर्मी और सुरक्षा कर्मियों का टीकाकरण किया जा चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि कैदियों के लिए टीकाकरण पिछले हफ्ते शुरू हुआ था और अभी तक करीब 20 कैदियों को टीका लगाया जा चुका है।
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