हैदराबाद, 12 मई अंतर-राज्यीय कृष्णा नदी पर आंध्रप्रदेश की कथित प्रस्तावित सिंचाई परियोजना के प्रति तेलंगाना के विरोध के चलते दोनों राज्यों के मधुर संबंधों को झटका लगा है। पिछले साल आंध्रप्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच संबंधों में मधुरता आ गयी थी।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और आंध्रप्रदेश के उनके समकक्ष वाई एस जगन मोहन रेड्डी के बीच मधुर संबंध रहे हैं और दोनों ही नेता दोनों राज्यों के किसानों के लाभ के लिए अंतरराज्यीय नदीजल साझा करने पर आपस में मिलकर काम करने पर राजी हुए थे।
राव ने पिछले साल मई में जगन मोहन रेड्डी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे जबकि जगनमोहन रेड्डी बाद में तेलंगाना में कालीश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना के उद्घाटन में पहुंचे थे।
राव ने सोमवार को आंध्रप्रदेश सरकार पर इस परियोजना पर हाथ में लेने का एकतरफा फैसला करने का आरोप लगाया और कहा कि इससे उनके राज्य का हित प्रभावित होगा। इस परियेाजना में दोनों पड़ोसियों की संयुक्त सिंचाई श्रीसलीम परियोजना से संबद्ध कृष्णा नदी से पानी लेने की व्यवस्था है।
राव ने कहा है कि यह फैसला आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के विपरीत है और उनकी सरकार इस परियोजना को रोकने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगी।
राव ने सोमवार रात को मंत्रियों एवं अधिकारियों की बैठक में कहा कि यदि आंध्रप्रदेश कृष्णा नदी का पानी उठाता है तो तेलंगाना के नालगोंडा, महबूबनगर और रंगारेड्डी जिलों में पेयजल और सिंचाई के पानी की समस्या हो जाएगी।
विज्ञप्ति के अनुसार आंध्रप्रदेश सरकार ने नयी परियोजना पर काम करने का निर्णय लिया है और उसके तहत श्रीसेलम परियोजना से तीन टीएमसी पानी लिया जाएगा। आंध्रप्रदेश ने इस संबंध में सरकारी आदेश जारी किया है।
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