रांची, 8 जून : झारखंड के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने रविवार को आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनका त्याग और बलिदान से भरा जीवन राष्ट्र सेवा का अद्वितीय उदाहरण है. नेताओं ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम से बहुत पहले ब्रिटिश सेना के खिलाफ लड़ाई में ‘धरती आबा’ (भूमि के पिता) द्वारा दिखाया गया साहस और वीरता अनुकरणीय है.
बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड में हुआ था. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासी विद्रोह का नेतृत्व किया था और नौ जून 1900 को हिरासत में उनकी मौत हो गई थी. राधाकृष्णन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर की गई पोस्ट में कहा, ‘‘देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी एवं जननायक भगवान बिरसा मुंडा जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि. महान क्रांतिकारी, धरती आबा, जनजातीय गौरव, भगवान बिरसा मुंडा जी का त्यागमय जीवन राष्ट्र सेवा का अद्वितीय उदाहरण हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मातृभूमि की रक्षा के लिए उनका अटूट साहस और संघर्ष हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा.’’ राधाकृष्णन ने राजभवन, बिरसा मुंडा स्मारक उद्यान एवं संग्रहालय, बिरसा चौक और कोकर स्मारक पर स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. यह भी पढ़ें : Horrific Road accident In Amethi: बुलेट को टक्कर मारने के बाद पेड़ से टकराई बोलेरो कार,हादसे में 5 लोगों की दर्दनाक मौत, अमेठी जिले की घटना
चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर की गई पोस्ट में कहा, ‘‘भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन के साथ धरती आबा को नमन करने का सौभाग्य मिला. अंग्रेजों के जुल्म, शोषण एवं अत्याचार के विरुद्ध ‘उलगुलान’ करने वाले धरती आबा के आदर्श आने वाली पीढ़ियों को सदैव राष्ट्रभक्ति एवं अन्याय के खिलाफ संघर्ष की राह दिखाते रहेंगे.’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ब्रिटिश हुकूमत की जड़ों को झकझोरने वाले, जल- जंगल- जमीन की रक्षा के लिए उलगुलान करने वाले, हम सभी के आदर्श, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी के बलिदान दिवस पर उन्हें शत् शत् नमन.’’ उन्होंने कहा,‘‘हमारी सरकार आपके आदर्शों और ‘अबुआ दिशोम’, अबुआ राज की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रयासरत है.’’