वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने पीएफआई की हड़ताल में हुई हिंसा की निंदा की, असम के मुख्यमंत्री ने प्रतिबंध की मांग की
असम के मुख्यमंत्री हिंमता बिस्वा सरमा (Photo : ANI)

कोच्चि/गुवाहाटी, 24 सितंबर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) प्रायोजित हड़ताल के दिन केरल में हुई हिंसा की निंदा की और माकपा पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि राज्य की वाम सरकार इन हमलों के लिए समान रूप से जिम्मेदार है. उधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र सरकार से लगातार अनुरोध कर रही है कि वह कथित तौर पर ‘आतंकवादी गतिविधियों के लिए माहौल तैयार करने’ के कारण पीएफआई को प्रतिबंधित करे. केरल में भजपा प्रभारी जावड़ेकर ने कहा कि पीएफआई के खिलाफ छापेमारी 15 राज्यों में की गई, लेकिन हिंसा केवल इस दक्षिणी राज्य में हुई.

आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों का कथित रूप से समर्थन करने को लेकर संगठन के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषध अधिकरण (एनआईए) की अगुवाई में की गई देशव्यापी छापेमारी के खिलाफ पीएफआई ने शुक्रवार को सुबह से शाम तक हड़ताल का आह्वान किया था. हड़ताल के दौरान राज्य के कई हिस्सों में हिंसा हुई थी और उप्रदवियों ने सरकारी और निजी वाहनों को निशाना बनाया था.पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि केरल में पीएफआई और माकपा आपस में मिले हुए हैं जिसके कारण राज्य को पूरी तरह अराजकता का सामना करना पड़ा. जावड़ेकर ने कहा, ‘‘कल का दिन केरल के लिए काला दिन था क्योंकि राज्यभर में लोगों को समस्याओं का समाना करना पड़ा. पीएफआई कार्यकर्ता हिंसा में शामिल थे और बस यात्रियों पर हमले किये गये. हम पीएफआई के बर्बर हमले की हिंसा करते हैं. यह भी पढ़ें : राजद प्रमुख लालू यादव ने बिहार सरकार को निशाना बनाने के लिए अमित शाह पर किया प्रहार

उन्होंने कन्नूर स्थित आरएसएस कार्यालय पर भी बम से हमला किया. ऐसा पहले नहीं देखा गया था.’’ उन्होंने इस हिंसा को सुनियोजित करार दिया. जावड़ेकर ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की आलोचना करते हुए कहा कि यह बिना संदेश की यात्रा थी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रव्यापी छापेमारी के तहत असम पुलिस ने अब तक पीएफआई के 11 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. शर्मा ने कहा, ’’हमारे पास खुफिया जानकारी है कि पीएफआई ने एक ऐसा माहौल बनाया है जो कुछ लोगों को भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआईएस) और आतंकी संगठन आईएसआईएस द्वारा प्रायोजित कट्टरपंथ मॉड्यूल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है."