S Jaishankar ने चौथे भारत-कैरिकॉम मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता की; सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई

जॉर्जटाउन, 22 अप्रैल: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुयाना की राजधानी जॉर्जटाउन में जमैका की अपनी समकक्ष कैमिनाज स्मिथ के साथ शुक्रवार को चौथी भारत-कैरेबियाई समुदाय (कैरिकॉम) की मंत्री स्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता की. यह भी पढ़ें: UK Deputy PM Resigned: ब्रिटेन के PM ऋषि सुनक को लगा बड़ा झटका, उप प्रधानमंत्री डोमिनिक राब ने दिया इस्तीफा

बैठक में व्यापार, कृषि, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. जयशंकर ने बैठक से इतर त्रिनिदाद एवं टोबैगो, सेंट किट्स एंड नेविस, सेंट विंसेंट एंड ग्रेनेजियन्स, ग्रेनाडा और बारबाडोस के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं.

जयशंकर ने द्विपक्षीय बैठकों में सहयोग बढ़ाने, व्यापार, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल परिवर्तन, स्वास्थ्य क्षेत्र, कृषि और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) समेत विभिन्न मुद्दों पर बात की.

कैरिकॉम एक अंतर-सरकारी संगठन है, जो अमेरिकी महाद्वीप और अटलांटिक सागर के 15 सदस्य देशों का राजनीतिक और आर्थिक संघ है. गुयाना की पहली यात्रा पर गए जयशंकर ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा कि इस साल भारत को जी-20 समूह की अध्यक्षता करने का अवसर मिला है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिलकुल स्पष्ट हैं कि ‘‘हम न सिर्फ अपने लिए, बल्कि उन देशों के लिए भी खड़े होंगे, जो जी-20 का हिस्सा नहीं हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि हमें वैश्विक समस्याओं और अपनी समस्याओं के बारे में सोचना चाहिए और देखना चाहिए कि उनका एक साथ हल कैसे हो सकता है.’’

बैठक में जयशंकर ने प्रस्ताव रखा कि भारत लघु और मध्यम आकार के उद्योगों और व्यापार पर अपने अनुभव साझा करना चाहेगा.

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, जयशंकर ने कहा, ‘‘हम अनुदान के आधार पर; परियोजनाओं, खासकर 10 लाख डॉलर कीमत तक की व्यक्तिगत परियोजनाओं का समर्थन करने को तैयार हैं और आपसे इस संबंध में प्रस्ताव आमंत्रित करते हैं.’’ उन्होंने यह भी कहा कि पूरी दुनिया में, खासतौर से कोविड-19 महामारी के बाद से योग का चलन बढ़ा है.

जयशंकर ने कहा, ‘‘योग के मामले में भी, अगर हम किसी भी रूप में आपके पर्यटन उद्योग को ज्यादा स्वीकृति दिला सकते हैं, तो हम ऐसा करेंगे.’’ इससे पहले, जयशंकर ने सिलसिलेवार ट्वीट किए थे और कैरिकॉम देशों के विदेश मंत्रियों से हुई मुलाकातों के बारे में बताया था.

उन्होंने लिखा था, ‘‘त्रिनिदाद एवं टोबैगो के विदेश मंत्री डॉ. एमरी ब्राउन से मुलाकात करके अच्छा लगा। डिजिटल परिवर्तन और स्वास्थ्य क्षेत्र पर केंद्रित हमारी विकास साझेदारी को आगे ले जाने के बारे में बात की। विभिन्न मंचों पर अपना सहयोग जारी रखेंगे.’’

विदेश मंत्री ने कहा था, ‘‘भारत-कैरिकॉम बैठक के इतर सेंट किट्स एंड नेविस के विदेश मंत्री डॉ. डेन्जिल डुगलस से मुलाकात करके काफी अच्छा लगा. उन्हें बताया कि भारत हमेशा ‘ग्लोबल साउथ’ की चिंताओं के लिए आवाज उठाता रहेगा.’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘सेंट विंसेंट एंड ग्रेनेजियन्स की विदेश मंत्री कीसल पीटर्स से आज (शुक्रवार) मुलाकात करके खुशी हुई. मोटे अनाज में सेंट विंसेंट एंड ग्रेनेजियन्स की दिलचस्पी की सराहना करता हूं। हमारी मौजूदा परियोजनाओं की स्थिति और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की.’’

एक अन्य ट्वीट में विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ग्रेनेडा के विदेश मंत्री जोसेफ एंडॉल से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी विकास साझेदारी को बढ़ाने पर चर्चा की.’’

उन्होंने कहा, ‘‘बारबाडोस के विदेश मंत्री केरी सायमंड्स से मुलाकात करके खुशी हुई. नवीनीकरण ऊर्जा, स्वास्थ्य और कौशल के क्षेत्रों में मिलकर काम करने पर विचार साझा किए.’’ जयशंकर ने भारत-कैरिकॉम बैठक की सह-अध्यक्ष कैमिनाज स्मिथ से भी द्विपक्षीय बैठक की और प्रशिक्षण तथा विकास साझेदारी में सहयोग को आगे ले जाने पर चर्चा की.

उन्होंने बहामास के संसदीय मंत्री जामाह स्ट्रैचेन से भी मुलाकात की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधारों के साथ उनसे अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, कोलिशन फॉर डिजास्टर रिसिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (सीडीआरआई) पर भी चर्चा की.

विदेश मंत्री ने यहां सूरीनाम के अपने समकक्ष अल्बर्ट रामदीन से मुलाकात करने के साथ शुक्रवार को गुयाना, पनामा, कोलंबिया और डोमिनिक गणराज्य की अपनी नौ दिवसीय यात्रा शुरू की.

इससे पहले, शुक्रवार को जयशंकर ने कैरिकॉम के महासचिव डॉ. कार्ला नताली बार्नेट से मुलाकात की थी.

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