जयपुर, एक जून जयपुर पुलिस ने बैंकों में फर्जी खाते खुलवाकर साइबर ठगी, ऑनलाइन गेमिंग एवं सट्टे की अवैध रकम का लेनदेन करने वाले गिरोह का खुलासा किया है।
पुलिस का कहना है कि इस गिरोह ने 733 फर्जी बैंक खातों के जरिये करोड़ों रुपये की हेराफेरी की और इस संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) दिनेश एम.एन. ने बताया कि रामनगरिया थाना पुलिस ने यह कार्रवाई की और इसमें 18 बैंक खातों के आवेदन फॉर्म, पांच चैक बुक, दो बायोमेट्रिक मशीन, 34 सिम, सात आधार कार्ड एवं 32 क्रेडिट व डेबिट कार्ड जब्त किए गए।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने फर्जी बैंक खातों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड तथा चैक बुक एवं पासबुक का संचालन करने वाले गैंग के मुखिया योगी कृष्ण सोनी (34) एवं संदीप बागड़ा उर्फ सैंडी (30), फर्जी बैंक खाता खोलने वाले आरोपी भाइयों राजेंद्र कुमार मीणा (34) एवं सुरेश कुमार (32) तथा इनके खाते संभालने वाले आरोपी लक्ष्य जैन (22) को गिरफ्तार किया है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि जगतपुरा के रॉयल प्लेटिनम अपार्टमेंट के फ्लैट में रह रहे युवक फर्जी तरीके से बैंक खाता खोल उन्हें कमीशन के बदले साइबर ठगों को उपलब्ध करा रहे हैं।
आरोपियों ने शुरुआती पूछताछ में बताया कि पहले उनकी जान-पहचान योगी कृष्ण सोनी से हुई थी, जो फर्जी बैंक खाता खोलने के बदले पांच हजार दिया करता था, जिसमें से तीन हजार अपने पास रखकर बाकी दो हजार रुपये वे खाताधारकों को दे देते।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसके बाद उनका परिचय संदीप बागड़ा उर्फ सेंडी से हुआ, जो एक बैंक खाते के 20 हजार तक देता था।
पुलिस ने बताया कि शुरू में इन्होंने अपनी पत्नी, यार-दोस्तों एवं रिश्तेदारों के फर्जी खाते खोले एवं उसके बाद गरीब तबके के व्यक्तियों को पैसों का लालच देकर विभिन्न बैंकों में उनके खाते खुलवाये।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, फर्जी खाता खोलते समय मोबाइल नंबर और पता योगी कृष्ण सोनी और संदीप बागड़ा का होता और इस वजह से एटीएम चैक बुक पासबुक की डिलीवरी इनके बताये पते पर ही होती।
इसने बताया कि सूचना के आधार पर पुलिस ने आरोपी लक्ष्य जैन को उसके घर पर दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया और उसके घर मिले लैपटॉप से 733 फर्जी बैंक खातों की जानकारी मिली।
पुलिस के अनुसार, बाद में सोनी एवं बागड़ा उर्फ सैंडी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों मुख्य आरोपी अन्य शहरों में भी कमीशन के बदले बैंक खाता उपलब्ध करवाने वालों के संपर्क में हैं, जिसकी जांच की जा रही है।
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