क्या आपका बच्चा सुई लगवाने से डरता है? कोविड टीका लगवाने के लिए बच्चे को देना होगा सकारात्मक अनुभव
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo credits: PTI)

गीलॉन्ग, 5 दिसंबर : आपके बच्चे के शुरुआती वर्षों में टीके लगवाने का अनुभव इस बात को प्रभावित कर सकता है कि वे बाद के वर्षों में टीकाकरण के प्रति कैसा महसूस करते हैं और उनपर कैसी प्रतिक्रिया करते हैं. इसलिए नकारात्मक अनुभव की संभावना को कम करना महत्वपूर्ण है. लेकिन माता-पिता अपने बच्चे को कोविड-19 टीका या अन्य इंजेक्शन के लिए तैयार करने में मदद करने के लिए क्या कर सकते हैं?

डर या फोबिया?

ज्यादातर बच्चे सुइयों से डरते हैं. लेकिन कुछ बच्चों के लिए यह डर अधिक गंभीर होता है और इसे टीका फोबिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है. टीका फोबिया किसी सुई को देखना या उसे लगवाने को लेकर बहुत डरावनी या परेशान करने वाली प्रतिक्रिया है, उदाहरण के लिए, नमूने के लिए खून लेना या इंजेक्शन लगाना. चिंता और भय खतरे के अनुपात से बहुत ज्यादा होता है और लोग जितना संभव हो सके सुइयां लगवाने से बचने की कोशिश करेंगे. गंभीर मामलों में, केवल एक सुई को देख लेने मात्र से होने वाली चिंता इतनी बढ़ सकती है कि उसके चलते चक्कर आना, मतली, पसीना बढ़ जाना, चेतना चली जाना और बेहोशी जैसे भाव आ सकते हैं. चार से छह आयु वर्ग के पांच बच्चों में से लगभग एक (19 प्रतिशत) को सुई का फोबिया है, और यह 10-11 वर्ष की आयु तक घटकर नौ में से एक (11प्रतिशत) हो जाता है. वयस्कों में, लगभग 3.5-10 प्रतिशत को सुई फोबिया होता है. बच्चों में यह डर पूर्व में हुई खून की जांचें, इंजेक्शन लगवाने और अन्य चिकित्सीय प्रक्रियाओं के कारण हो सकता है.

नकारात्मक अनुभव के मौके कम करना

टीकाकरण के लिए अपॉइंटमेंट लेते समय, नर्स को तैयारी के लिए अतिरिक्त समय निकालने के लिए कहने पर विचार कर सकते हैं. जब बच्चे टीकाकरण के लिए आते हैं, तो अधिकतर नर्स अनुमान लगा लेती हैं कि बच्चा चिंतित और घबराया हुआ हो सकता है, या इंजेक्शन से बहुत डर सकता है. बेहोशी को रोकने के लिए नर्स बच्चे को अपनी मांसपेशियों को खींचकर रखने और फिर छोड़ देने के लिए कहकर मदद कर सकती हैं. वे सुझाव दे सकते हैं कि गहरी सांस लें, इसे रोककर रखें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें. वे बच्चे का ध्यान सुई पर से हटाने के लिए अपने पैर की उंगलियों को हिलाने के लिए भी कह सकती हैं. यदि बच्चा स्पष्ट रूप से परेशान दिख रहा है - उदाहरण के लिए, चिल्लाना, लात मारना और यह कहना कि वे सुई नहीं लगवाना चाहते हैं तो माता-पिता इसे स्थगित कर सकते हैं ताकि बच्चे को इस प्रक्रिया को समझने की रणनीति विकसित करने का अवसर मिले. यह संभावित रूप से सुई फोबिया को विकसित होने से रोक सकता है. माता-पिता अपने बच्चों को सबसे बेहतर तरीके से जानते हैं और जानते हैं कि उनके टीकाकरण के दौरान उनको कैसे समझाया-बुझाया जाए. यह भी पढ़ें : COVID-19 Update: बिहार में आंकड़ों के पुनर्मिलान के बाद देश में एक दिन में संक्रमण से मौत के 2,796 मामले आए

आप अपने बच्चे को कैसे तैयार कर सकते हैं?

पहला कदम यह विचार करना है कि अपने बच्चे को टीके के बारे में कब जानकारी दी जाए. पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए, कम समय सीमा बेहतर काम करती है; उदाहरण के लिए, उसी दिन तैयार करना. वहीं पांच से छह साल के बच्चों के लिए, आप उन्हें एक या दो दिन पहले बता सकते हैं और सात साल तक के बच्चों के लिए एक हफ्ते पहले तक बता सकते हैं.

यदि आपके बच्चे को टीकाकरण के दौरान कोई नकारात्मक अनुभव होता है, और आप पेशेवर सहायता प्राप्त करना चाहते हैं, तो अपने जीपी (जनरल प्रैक्टिश्नर) से अपने क्षेत्र के स्थानीय प्ले थेरेपिस्ट या चाइल्ड लाइफ थेरेपिस्ट या बाल मनोवैज्ञानिकों के सुझाव मांगें.